<d> स्टॉक और म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए बड़ी राहत

बढ़ी TDS छूट, स्टॉक और म्यूचुअल फंड के लिए | इनकम टॅक्स छूट दोगुनी तुरंत जानें नए नियम

 

भारत सरकार ने निवेशकों के लिए टैक्स सुधारों की घोषणा की है, जिसमें डिविडेंड इनकम और म्यूचुअल फंड पेआउट पर TDS छूट सीमा को दोगुना कर दिया गया है। यह बदलाव छोटे और मध्यम निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण राहत लेकर आया है, जिससे उनका कैश फ्लो बेहतर होगा और निवेश के अवसर बढ़ेंगे।

स्टॉक और म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए बड़ी राहत: डिविडेंड पर TDS छूट सीमा बढ़ी

 

नई TDS छूट सीमा क्या है?

  • पहले: ₹5,000 प्रति वर्ष
  • अब: ₹10,000 प्रति वर्ष
  • लाभ: ₹10,000 तक की डिविडेंड और म्यूचुअल फंड इनकम पर कोई TDS नहीं कटेगा।

यह बदलाव क्यों महत्वपूर्ण है?

  1. अधिक नकदी प्रवाह – ₹10,000 तक की डिविडेंड इनकम पर TDS नहीं कटेगा, जिससे निवेशकों को तुरंत अधिक कैश मिलेगा।
  2. पुनर्निवेश के अवसर – TDS की बचत को दोबारा निवेश किया जा सकता है, जिससे कंपाउंडिंग का अधिकतम लाभ मिलेगा।
  3. कर रिफंड से मुक्ति – छोटे निवेशकों को अब TDS कटौती के कारण ITR में रिफंड क्लेम करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

कौन होगा सबसे बड़ा लाभार्थी?

  • रिटेल निवेशक – जिनका डिविडेंड इनकम ₹10,000 से कम है, उन्हें अब कोई टैक्स नहीं देना होगा।
  • सीनियर सिटिजन्स – रिटायर्ड लोगों के लिए पैसिव इनकम अधिक प्रभावी होगी।
  • नए निवेशक – बिना TDS कटौती के म्यूचुअल फंड और डिविडेंड स्टॉक्स में निवेश बढ़ा सकते हैं।

इसका लाभ कैसे उठाएं?

  • हाई-डिविडेंड स्टॉक्स का चयन करें – स्थिर और उच्च डिविडेंड देने वाली कंपनियों में निवेश करें।
  • स्मार्ट म्यूचुअल फंड चयन – अपने वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार सही फंड चुनें।
  • फॉर्म 15G/15H जमा करें – यदि आपकी कुल कर योग्य आय सीमा से कम है, तो यह फॉर्म जमा करने पर TDS से बचा जा सकता है।

 

सीनियर सिटिजन्स और टैक्सपेयर्स के लिए अतिरिक्त राहत

 

सीनियर सिटिजन्स के लिए:

  • ब्याज इनकम पर छूट सीमा:
    • नई सीमा: ₹1 लाख/वर्ष (पहले ₹50,000)।
    • लागू: FD, RD और अन्य सेविंग्स इंस्ट्रूमेंट्स।
    • लाभ: रिटायर्ड लोगों के लिए अधिक वित्तीय सुरक्षा।

सामान्य करदाताओं के लिए:

ब्याज इनकम पर छूट

  • नई सीमा: ₹50,000/वर्ष (पहले ₹40,000)।
  • लाभ: मिडिल-क्लास इन्वेस्टर्स के लिए अधिक बचत।

किराया आय पर TDS छूट में वृद्धि

  • नई सीमा: ₹6 लाख/वर्ष (पहले ₹2.4 लाख/वर्ष)।
  • प्रभाव: किरायेदारों और प्रॉपर्टी ओनर्स के लिए अधिक नकदी प्रवाह।
  • फायदा: लैंडलॉर्ड्स और SMEs को टैक्स-कटौती से राहत।

लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) में TCS में राहत

  • नए नियम:
  • TCS छूट सीमा: ₹10 लाख (पहले ₹7 लाख)।
  • लाभ: अंतरराष्ट्रीय शिक्षा, चिकित्सा खर्च और निवेश के लिए अधिक छूट।

 

लॉटरी, पजल्स और हॉर्स रेसिंग पर नए TDS नियम

  • ₹10,000 से कम की जीत पर कोई TDS नहीं
  • लाभ: छोटे विजेताओं को अनावश्यक कर कटौती से राहत।

 

इंश्योरेंस एजेंट्स और कमीशन अर्नर्स के लिए राहत

  • नई छूट सीमा: ₹20,000 (पहले ₹15,000)।
  • प्रभाव: एजेंट्स, ब्रोकर्स और फ्रीलांसर्स को अधिक कैश फ्लो मिलेगा।

ये बदलाव क्यों महत्वपूर्ण हैं?

कम कर कटौती = अधिक बचतकॉम्प्लायंस आसान होगालॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट को बढ़ावाबिजनेस और SMEs के लिए सकारात्मक प्रभावसीनियर सिटिजन्स और किरायेदारों के लिए विशेष लाभ

इसका अधिकतम लाभ उठाने के लिए अपने निवेश पोर्टफोलियो को रणनीतिक रूप से प्रबंधित करें और कर नियोजन पर ध्यान दें। अधिक जानकारी के लिए Income Tax Department की आधिकारिक वेबसाइट देखें।

 

FAQs on TDS Exemption Changes for Investors 

1. Q: डिविडेंड और म्यूचुअल फंड इनकम पर नई TDS छूट सीमा क्या है?
A: सरकार ने डिविडेंड और म्यूचुअल फंड इनकम पर TDS छूट सीमा ₹5,000 से बढ़ाकर ₹10,000 प्रति वर्ष कर दी है। अब ₹10,000 तक की इनकम पर कोई TDS कटौती नहीं होगी।

2. Q: सीनियर सिटिजन्स को इंटरेस्ट इनकम में कितनी छूट मिलेगी?
A: सीनियर सिटिजन्स के लिए FD, RD जैसे इंस्ट्रूमेंट्स पर इंटरेस्ट इनकम छूट ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख प्रति वर्ष कर दी गई है। यह रिटायर्ड लोगों के कैश फ्लो को बेहतर करेगा।

3. Q: किराया आय पर TDS छूट सीमा क्या बदली है?
A: किराया आय पर TDS लागू होने की सीमा ₹2.4 लाख/वर्ष से बढ़ाकर ₹6 लाख/वर्ष (₹50,000/माह) कर दी गई है। इससे लैंडलॉर्ड्स और SMEs को राहत मिलेगी।

4. Q: LRS के तहत एजुकेशन लोन पर TCS में क्या छूट है?
A: लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत एजुकेशन लोन के लिए TCS सीमा ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹10 लाख कर दी गई है। कुछ मान्य संस्थानों के लिए एजुकेशन लोन पूरी तरह TCS-फ्री हैं।

5. Q: लॉटरी या हॉर्स रेसिंग जीत पर TDS नियम कैसे बदले?
A: अब सालाना कुल जीत के बजाय, एकल ट्रांजैक्शन में ₹10,000 से अधिक जीतने पर ही TDS कटेगा। उदाहरण: साल में ₹8,000 की दो जीतों पर कोई TDS नहीं।

6. Q: इंश्योरेंस एजेंट्स के कमीशन पर TDS छूट कितनी है?
A: कमीशन इनकम पर TDS छूट सीमा ₹15,000 से बढ़ाकर ₹20,000 प्रति वर्ष कर दी गई है। इससे एजेंट्स और फ्रीलांसर्स का कैश फ्लो बेहतर होगा।

 

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