भारत-पाकिस्तान तनाव: NIFTY में कितनी गिरावट संभव है? जानिए सपोर्ट लेवल्स

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को बढ़ते देख ,भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिला।

भारत-पाकिस्तान युद्ध का भारतीय शेयर बाजार पर क्या असर पड़ सकता है ?

भारत और पाकिस्तान तनाव क्यू बढ़ा ?

22 अप्रैल 2025 को, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तानी अतंगवादियो ने एक भीषण आतंकी हमला किया , जिसमें 26 पर्यटकों की हत्या कर दी गई और 17 अन्य घायल हो गए।

भारत की प्रतिक्रिया- मई महीने की शुरुआत में भारत ने इस हमले के जवाब में “ऑपरेशन सिंदूर” लॉन्च किया, सैन्य अभियान शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए गए। इन हमलों में कई आतंकियों को मार गिराया

पाकिस्तान ने भी जम्मू, पठानकोट और उधमपुर में भारतीय सैन्य पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए। इन घटनाओं के कारण नियंत्रण रेखा पर तनाव बढ़ गया है, साथ ही नागरिकों की जान-माल की हानि, विस्थापन और 24 हवाईअड्डों पर हवाई सेवा निलंबित होने जैसी समस्याएँ उत्पन्न हुई हैं।

 

डिफेन्स सेक्टर के शेयर क्यों रहे फोकस में?

पूरे बाजार में गिरावट के बावजूद, डिफेन्स सेक्टर के शेयरों में मजबूती देखी गई।

  • भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL) में 3.4% की बढ़त

  • हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL) में 2.1% की बढ़त

जब किसी देश में युद्ध जैसे हालात बनते हैं , जैसे कि आतंकी हमले, सीमा पर तनाव, सैन्य टकराव या युद्ध की आशंका ,तो उस देश की सरकार अपने रक्षा (डिफेंस) क्षेत्र पर अधिक खर्च करने की योजना बनाती है। इसका उद्देश्य सेना को मजबूत करना, हथियारों की खरीद करना, और सुरक्षा तैयारियों को बढ़ाना होता है।

तनाव के समय भी भारतीय शेयर बाजार ने दिखाई थी मजबूती – अनुभवों से सीखे

जब भी देश पर संकट आया, चाहे वह युद्ध हो या आतंकी हमला, भारतीय शेयर बाजार ने शुरू में भले ही घबराहट दिखाई हो, लेकिन समय के साथ वह और भी मज़बूती से उभरा है। इतिहास इस बात का गवाह है कि हमारे बाजार ने हर बड़े तनाव के बाद खुद को संभाला ही नहीं, बल्कि शानदार रिटर्न भी दिए हैं।

कारगिल युद्ध (1999) – युद्ध के दौरान अनिश्चितता तो थी, लेकिन उसके ठीक एक साल बाद सेंसेक्स ने करीब 63% की जबरदस्त बढ़त दी।

संसद हमला (2001) – देश की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक संस्था पर हमले के बाद भी, बाजार ने अगले साल 20% से अधिक की तेजी दिखाई।

मुंबई हमले (2008) – इस दर्दनाक आतंकी हमले के बाद भी बाजार ने सिर्फ एक साल में 60% की जबरदस्त वापसी की।

बालाकोट एयरस्ट्राइक (2019) – तनावपूर्ण हालात के बावजूद वर्ष के अंत तक बाजार में 15% से ज्यादा की तेजी देखी गई।

यह उदाहरण ये साबित करता है की भले ही शार्ट टर्म  उतार-चढ़ाव हों, लेकिन भारतीय शेयर बाजार में लॉन्ग टर्म में हमेशा से भरोसेमंद रहता है। हर संकट के बाद निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिला है बस ऐसे समय उन्होंने धैर्य और समझदारी से काम लेना चाहिए । डर के समय में आप घबराने के बजाय सोच समझकर निवेश करे

अगर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कब ख़त्म होगा इसपर ध्यान देना जरुरी है , जैसे ही , यह तनाव शांत होगा , तो शेयर बाजार में स्थिरता और रिकवरी की उम्मीद है। ऐसे समय में

  • घबराने की बजाय, मजबूत कंपनियों की वॉचलिस्ट बनाएं
  • शॉर्ट टर्म वोलाटिलिटी से प्रभावित होकर गलत निर्णय ना लें
  • भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत फंडामेंटल्स पर भरोसा रखें

 

शेयर मार्केट में गिरावट आने पर क्या करें-याद रखे निचे दिये गये  4 तरीके

  1. लॉन्ग टर्म निवेश लक्ष्यों पर ध्यान दें
    बाजार चक्रीय होते हैं। संकट अस्थायी होते हैं। लॉन्ग टर्म निवेशक अक्सर रिकवरी से लाभ उठाते हैं।

  2. पोर्टफोलियो में विविधता रखें (Diversification)
    विभिन्न सेक्टर्स, एसेट क्लासेस और क्षेत्रों में निवेश करके जोखिम कम करें।

  3. डिफेंसिव सेक्टर्स पर ध्यान दें
    हेल्थकेयर, यूटिलिटीज और कंज़म्प्शन जैसे सेक्टर्स संकट में भी स्थिर रहते हैं।

  4. पैनिक सेलिंग से बचें
    डर में आकर बेचना नुकसान पक्का कर देता है। बाज़ार आमतौर पर अपनी गलत प्रतिक्रिया को बाद में सुधार लेता है।

 

भारत -पाक युद्ध तनाव की स्थिति में Nifty में कितनी गिरावट आ सकती है?

( Nifty correction Levels )

अगर युद्ध या संघर्ष की स्थिति बढ़ती है और बाजार में डर फैलता है, तो निफ्टी में कुछ गिरावट देखने को मिल सकती है।
ऐसे हालात में, निफ्टी के इम्पोर्टेन्ट सपोर्ट लेवल्स निचे दिए गए है , इस लेवल्स को हमने भारत में पिछली बार जब भी किसी तनाव के कारन गिरावट देखी गयी उससे अनुमान लगाया है

  1. 9% गिरावट – अगर बाजार में हल्की गिरावट आती है, तो निफ्टी 22,295 तक जा सकता है।
  2. 12% गिरावट – तनाव बढ़ने पर निफ्टी 21,560 तक गिर सकता है।
  3. 15% गिरावट – अगर स्थिति और ज्यादा बिगड़ती है, तो निफ्टी 20,825 तक आ सकता है।
  4. 18% गिरावट – युद्ध की स्थिति और तनाव बढ़ने पर निफ्टी 20,090 तक भी गिर सकता है।
  • हालांकि, इतिहास में यह देखा गया है कि ऐसे संकटों के बाद, बाजार में एक मजबूत रिकवरी भी देखने को मिलती है। इसके बाद लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए यह खरीदारी का अवसर बन सकता है, क्योंकि जब बाजार गिरता है, तो अच्छा स्टॉक कम कीमत पर मिल सकता है।
  • युद्ध या संकट के समय में डर स्वाभाविक है, लेकिन इससे बाजार में गिरावट के बाद आने वाली रिकवरी को ध्यान में रखते हुए, लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह एक बेहतरीन अवसर हो सकता है।

 

इतिहास से सीख: हर बड़ी गिरावट के बाद भारतीय शेयर मार्केट में तेज़ रिकवरी

  • 2008 वैश्विक मंदी: निफ्टी 60% गिरा, लेकिन अगले कुछ वर्षों में नई ऊंचाइयों को छुआ
  • COVID-19 (मार्च 2020): निफ्टी 40% गिरा, फिर 2021 तक दोगुना हुआ
  • कारगिल युद्ध: शुरुआती गिरावट के बाद 35% तक की बढ़त

 

लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए सुनहरा मौका – पोर्टफोलियो तैयार रखें

अगर युद्ध या किसी अन्य कारण से बाजार गिरता है, तो यह डरने का नहीं, पोर्टफोलियो  बढ़ाने का समय होता है।

  • मजबूत फंडामेंटल्स वाली कंपनियों की वॉचलिस्ट बनाएं
  • बाजार में स्थिरता आने पर धीरे-धीरे निवेश शुरू करें
  • SIP या ग्रेजुअल एंट्री से अगले 3-5 साल में शानदार रिटर्न संभव
  • संभावित सेक्टर्स: बैंकिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर, IT, फार्मा, कंज़म्प्शन

 

“हर संकट के बाद बाजार की वापसी”

  1. 1991 – खाड़ी युद्ध और आर्थिक उदारीकरण
    तेल की कीमतों में तेजी से भारतीय बाजार दबाव में आया, लेकिन उदारीकरण की शुरुआत ने लंबी अवधि में भारी ग्रोथ दी।

  2. 2001 – संसद पर हमला
    तनाव बढ़ा, लेकिन बाजार धीरे-धीरे रिकवर हुआ और लॉन्ग टर्म में तेजी आई।

  3. 2008 – मुंबई हमले (26/11)
    पहले से ही मंदी में चल रहे बाजार पर और असर, फिर भी जल्द रिकवरी और नई ऊंचाइयों को छुआ।

 

गिरते बाजार में निवेश स्ट्रेटर्जी – डर के आगे जित है

इतिहास गवाह है:
हर गिरावट के बाद एक नई बुलंदी आती है
जो डरकर बाहर निकलते हैं, वे अवसर चूक जाते हैं।
जो धैर्य और रणनीति के साथ चलते हैं, वे सफल होते हैं।

  •  लॉन्ग टर्म सोचें
  •  गिरावट में क्वालिटी स्टॉक्स खरीदें
  • इमोशनल नहीं, स्ट्रैटेजिक फैसला लें

 अगली बार जब बाजार गिरे, याद रखें –यह डरने का नहीं, तैयार रहने का समय है।

“क्या आप इस गिरावट को एक शानदार अवसर में बदलने के लिए तैयार हैं? तो हमारे साथ जुड़े रहें — हम समय-समय पर अपने विश्लेषण के आधार पर आपको बेहतर सेक्टर्स, मजबूत स्टॉक्स, उनके प्रमुख लेवल्स और महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान करते रहेंगे।”

गिरावट में अक्सर अवसर छिपा होता है,अगर आप भी इस मौके का सही फायदा उठाना चाहते हैं, तो हमारे साथ जुड़े रहें।

हम समय-समय पर आपको मजबूत सेक्टर्स की पहचान, बेहतरीन स्टॉक्स और उनके सटीक लेवल्स के साथ-साथ गहराई से किया गया विश्लेषण प्रदान करते रहेंगे। यह गिरावट आपके लिए मुनाफे का शानदार मौका बन सकती है,बस ज़रूरत है सही जानकारी और सही दिशा की।

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  2. क्रिप्टोकरेंसी Vs स्टॉक मार्केट – कहाँ निवेश करना सही रहेगा?

 


I’m a stock market trader with 8+ years of experience, specializing in chart analysis and trading psychology. I share my learnings in hindi to help others avoid common trading mistakes and build the right mindset for consistent profit.

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