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शेयर मार्केट में इंडीकेटर्स और ऑसिलेटर्स कैसे यूज़ करें | A Complete Guide: Swing Trading Indicators & Oscillators

 

इंडिकेटर और ओसुलेटर का परिचय

 

शेयर मार्केट में इंडीकेटर्स और ऑसिलेटर्स कैसे यूज़ करें

 

शेयर ट्रेडिंग इंडिकेटर क्या हैं ? ( What are Share Trading Indicators? )

इंडिकेटर फॉर्मूले-आधारित टूल्स होते हैं ,जो स्टॉक की कीमत,वॉल्यूम, या ओपन इंटरेस्ट के डेटा को एनालाइज करके ट्रेंड  या मोमेंटम (गति) दिखाते हैं। ये चार्ट पर लाइन्स, हिस्टोग्राम, या बार के रूप में दिखाई देते हैं।

शेयर ट्रेडिंग ऑसिलेटर क्या हैं ? (What are Share Trading Oscillators?)

ऑसिलेटर एक खास तरह के इंडिकेटर होते हैं जो एक निश्चित रेंज (जैसे 0 से 100) के बीच ऊपर-नीचे होते रहते हैं। ये बाजार के ओवरबॉट (ज्यादा खरीददारी) या ओवरसोल्ड (ज्यादा बिकवाली) स्थिति को दिखाते हैं।

 

इंडिकेटर्स और ओसुलेटर्स:अंतर समझें

पैरामीटर

इंडिकेटर

ऑसिलेटर

रेंज

निश्चित रेंज नहीं होती

0-100 जैसी तय रेंज में चलते हैं

उद्देश्य

ट्रेंड की दिशा बताना

ओवरबॉट/ओवरसोल्ड स्थिति बताना

यूज केस

लंबी अवधि के ट्रेंड्स

शॉर्ट-टर्म रिवर्सल्स

शेयर ट्रेडिंग इंडिकेटर्स और ऑसिलेटर्स का सही उपयोग: ट्रेडिंग एक्यूरेसी बढ़ाने की गाइड

  1. इंडिकेटर्स और ऑसिलेटर्स को सही वैल्यूज के साथ सेट करके या इन्हें कॉम्बिनेशन में इस्तेमाल करके आप ट्रेडिंग एक्यूरेसी ( Trading Accuracy)बढ़ा सकते हैं।
  2. इंडिकेटर्स मार्केट ट्रेंड की दिशा बताते हैं, जबकि ऑसिलेटर्स ट्रेंड की तीव्रता (मजबूती/कमजोरी) दिखाते हैं।
  3. टाइमफ्रेम बढ़ाने पर ट्रेडिंग सीग्नल की संख्या कम होगी, साथ ही गलत संकेत (False Signals) भी घटेंगे।टाइमफ्रेम कम करने पर ट्रेडिंग सिग्नल अधिक मिलेंगे, लेकिन गलत संकेतों का रिस्क भी बढ़ेगा।

 

स्विंग ट्रेडिंग में इस्तेमाल होने वाले इंडिकेटर्स के प्रकार: शुरुआती गाइड

टेक्निकल एनालिसिस में इंडिकेटर्स और ऑसिलेटर्स की मदद से मार्केट ट्रेंड, गति, और संभावित अवसरों का पता लगाया जाता है। यहाँ जानें स्विंग ट्रेडिंग में इस्तेमाल होने वाले इंडिकेटर्स के 4 प्रमुख प्रकार और यूज़

1. ट्रेंड इंडिकेटर्स (Trend Indicators) –

-ट्रेंड की दिशा (ऊपर/नीचे) और तीव्रता का विश्लेषण।
-मूविंग एवरेज (MA): कीमतों का औसत निकालकर ट्रेंड की पहचान।
-MACD: दो MA के क्रॉसओवर से ट्रेंड रिवर्सल का संकेत।
-पैराबोलिक SAR: ट्रेंड के समय स्टॉप-लॉस लेवल तय करने में मदद।

2. मोमेंटम इंडिकेटर्स (Momentum Indicators) –

-ट्रेंड की गति और ओवरबॉट/ओवरसोल्ड कंडीशन की पहचान।
-RSI (0-100): 70+ ओवरबॉट, 30- से ओवरसोल्ड संकेत।
-स्टोकेस्टिक ऑसिलेटर: कीमत की क्लोजिंग रेंज के आधार पर मोमेंटम मापन।

3. वोलेटिलिटी इंडिकेटर्स (Volatility Indicators) –

-मार्केट के उतार-चढ़ाव (स्थिर/अस्थिर) का आकलन।
-बोलिंजर बैंड्स: वोलेटिलिटी के आधार पर सपोर्ट-रेजिस्टेंस लेवल।
-ATR: कीमतों के औसत उतार-चढ़ाव से रिस्क मैनेजमेंट।

4. वॉल्यूम इंडिकेटर्स (Volume Indicators) – ट्रेंड की वैधता और जारी रहने की संभावना का आकलन।
ऑन बैलेंस वॉल्यूम (OBV): वॉल्यूम और कीमत के रिलेशनशिप का विश्लेषण।
चैकिन ऑसिलेटर: खरीद-बिक्री के दबाव को वॉल्यूम के साथ जोड़कर देखना।
वॉल्यूम ROC: वॉल्यूम में बदलाव की दर से ट्रेंड कंफर्मेशन।

एक साथ 2-3 इंडिकेटर्स को कॉम्बाइन करें और बैक टेस्टिंग से रणनीति विकसित करें।

 

What is Moving Average Indicator?

  • शेयर मार्किट में स्टॉक की प्राइस की एवरेज का उपयोग किया जाता है , चार्ट पर 5 दिन से लेकर 2०० दिन तक का मूविंग एवरेज देखी जाती है , नॉर्मली हम १० ,२० ,५० ,१००, २०० मूविंग एवरेज का उपयोग ट्रेडिंग के लिए कर सकते है ।
  • १० दिन का मूविंग एवरेज मतलब पिछले १० की क्लोजिंग प्राइस को मिलकर उसे १० दिन से विभाजित करने पर हमे दस दिन एवरेज प्राइस मिलती है , और हर दिन एक वैल्यू आती है उसे जोड़कर हमे मूविंग एवरेज एक लाइन के रूप में नज़र आता है।
  • ये हमे ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर में इंडिकेटर के रूप में बनी बनायीं मिलती है।

Uses of Moving Average ? मूविंग एवरेज के फायदे

  • प्राइस में थोड़े टाइम के लिए आये बड़ी तीव्रता को मूविंग एवरेज की मदत से फ़िल्टर किया जा सकता है,जिससे आपको ट्रेंड को समझने मे आसानी होती है।
  • मूविंग एवरेज की मदत से आप सपोर्ट और रेजिस्टेंस भी निकाल सकते है,मूविंग एवरेज को और इंडीकेटर्स के साथ मिलके हम ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी भी बना सकते है।
  • अगर आप कम टाइम फ्रेम ( 5-min ,10-min) का मूविंग एवरेज चार्ट पर लगाएंगे तो आपको ज्यादा Buy /Sell सिग्नल मिलेंगे लेकिंन  इसमें आपको फॉल्स सिग्नल भी ज्यादा मिल सकते है।
  • इसके विपरीत अगर आप टाइम फ्रेम बड़ा रखेंगे ( 1-H ,3-H ) तो आपको कम Buy /Sell सिग्नल मिलेंगे ,लेकिंन  फॉल्स सिग्नल  मिलना कम हो जायेंगे  साथ ही बड़ा ट्रेंड भी मिल सकता है।

 

MOVING AVERAGE INDICATOR REAL USE ON CHART FOR SWING TRADING

 

 मूविंग एवरेज के प्रकार

सिंपल मूविंग एवरेज -SMA (Simple Moving Average)

  • सिंपल मूविंग एवरेज में आपको विशिष्ठ टाइम फ्रेम में मिले सभी डाटा पॉइंट्स को समान महत्व होता है | उन सभी डाटा पॉइंट्स के वैल्यूज को डाटा पॉइंट्स की कुल संख्या से विभाजित किया जाता है।

एक्सपोनान्शिअल मूविंग एवरेज- EMA (Exponential Moving Average)

  • सिंपल मूविंग एवरेज में जो महत्व सभी डाटा पॉइंट्स के वैल्यूज को मिलता है एक्सपोनान्शिअल मूविंग एवरेज में वही महत्व रीसेंट (हालिया) डाटा पॉइंट्स को मिलता है , जिससे एक्सपोनान्शिअल मूविंग एवरेज सिंपल मूविंग एवरेज के तुलना में हालही में आये बदलाव के  बारेमे ज्यादा जानकारी दे सकता है।

 

Comparison of 20 SMA, 50 SMA, 100 SMA, and 200 SMA in Trading

SMA Type

Purpose

Signals

20 SMA

Used for short-term trends

Price bullish, above 20 SMA & below bearish

50 SMA

Used by swing traders and short-term Trend

Acts as dynamic support/resistance

100 SMA

Helps confirm trend continuation and reversal points

If price stays above 100 SMA, the trend is strong. If below, it signals weakness.

200 SMA

Key indicator for long-term trends

Price above 200 SMA → Long-term bullish. Price below → Long-term bearish.

 

Moving Average Use as a Support and Resistance in swing Trading and Investing 

 

Differance between SMA & EMA 

 SMA: लंबी अवधि के निवेशकों के लिए बेहतर, कम वोलैटिलिटी और स्थिरता प्रदान करता है।
EMA: शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स के लिए उपयोगी, तेजी से ट्रेंड पकड़ता है लेकिन अधिक वोलैटाइल होता है।

 

 

Moving Average Convergence Divergence (MACD) Indicator

 

मूविंग एवरेज कन्वर्जेन्स डाइवर्जेंस (एमएसीडी) इंडिकेटर

  • MACD एक मूवमेंटम इंडिकेटर है ,यह दो मूविंग एवरेज के बीच का संबंध को दर्शाता है इसे ट्रेंड फोल्लोविंग इंडिकेटर ( Trend Following Indicator ) के रूप में भी देखा जाता है।
  • MACD इंडिकेटर का उपयोग चालू ट्रेन्ड और ट्रेन्ड रिवर्सल की पहचान करने के लिए किया जाता है।
  • MACD लाइन जब सिग्नल लाइन को निचे से crossover करती है ,तो बुलिश सिग्नल हो सकता है, और MACD लाइन जब सिग्नल लाइन को ऊपर से crossover करती है तो ये बेयरिश सिग्नल हो सकता है।

 

Parabolic SAR Indicator –पैराबोलिक SAR इंडिकेटर

 

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