<d> फिरसे इंफोसिस में लेओफ ! मैसूरु कैंपस से 45 ट्रेनी बाहर

फिरसे इंफोसिस में लेओफ! मैसूरु कैंपस से 45 ट्रेनी बाहर, IT सेक्टर में जॉब सिक्योरिटी पर संकट?

भारतीय आईटी सेक्टर की बड़ी कंपनी इंफोसिस ने अपने मैसूरु कैंपस से 35 – 45 ट्रेनी कर्मचारियों को जॉब से बाहर कर दिया है।
Moneycontrol की रिपोर्ट के नुसार , यह निर्णय उन ट्रेनी पर लागू किया गया जो आंतरिक मूल्यांकन टेस्ट (Internal Assessments) को सफलतापूर्वक उत्तीर्ण नहीं कर सके।

IT सेक्टर में जॉब सिक्योरिटी पर संकट?

इंफोसिस की आंतरिक मूल्यांकन टेस्ट

कंपनी के नियमों के अनुसार, सभी नए भर्ती किए गए ट्रेनीज को तीन बार आंतरिक मूल्यांकन में पास होने का मौका दिया जाता है। जिन उम्मीदवारों ने यह परीक्षा पास नहीं की, उन्हें कंपनी से बाहर जाना पड़ सकता है।

आईटी सेक्टर में नौकरी को लेकर चिंता

इससे पहले भी इंफोसिस ने इसी तरह की नीति अपनाई थी। फरवरी 2025 में, कंपनी ने 400 से अधिक ट्रेनी कर्मचारियों को इसी वजह से हटा दिया था। और यह रेगुलर प्रोसेस है ऐसा साबित किया था , ग्लोबल इन्फ्लेशन यानी महंगाई का असर भी इंडियन आईटी सेक्टर पर हो रहा है , जिसमे डॉलर की कमजोरी एक बड़ा कारन है

आईटी सेक्टर जॉब को लेकर उठते सवाल

  •  क्या इंफोसिस की मूल्यांकन प्रक्रिया अत्यधिक कठिन है?
  • नौकरी से निकाले गए कर्मियों का भविष्य अब क्या होगा?
  •  आईटी सेक्टर में जॉब सिक्योरिटी को लेकर उठते सवाल!

निकाले गए कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
नौकरी से हटाए गए कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि मूल्यांकन प्रक्रिया अत्यधिक कठिन थी और उन्हें जानबूझकर असफल किया गया। कुछ ने यह भी दावा किया कि उनसे जबरन ‘म्यूचुअल सेपरेशन’ दस्तावेज पर हस्ताक्षर करवाए गए और सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी में तुरंत परिसर छोड़ने का निर्देश दिया गया।

इंफोसिस का आधिकारिक बयान
कंपनी का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान आंतरिक मूल्यांकन पास करना अनिवार्य होता है। फ्रेशर्स को तीन मौके दिए जाते हैं और सभी प्रयासों में विफल रहने पर उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी जाती।

निष्कर्ष

इंफोसिस द्वारा उठाए गए इस कदम ने आईटी इंडस्ट्री में नौकरी की सुरक्षा को लेकर नई बहस छेड़ दी है। जहां कुछ इसे आवश्यक कदम मान रहे हैं, वहीं कई युवा कर्मियों के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हुआ है। इस विषय पर आगे की जानकारी और अपडेट्स के लिए जुड़े रहें!

इंफोसिस शेयर में बड़ी गिरावट, ₹1900 से ₹1550 पर आया स्टॉक! ₹1.46 लाख करोड़ का नुकसान

आईटी दिग्गज इंफोसिस (INFY) के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई है। हाल ही में इसका शेयर प्राइस ₹1900 से गिरकर ₹1550 पहुंच गया, जिससे कंपनी के मार्केट कैप में ₹1.46 लाख करोड़ का नुकसान हुआ।

🔹 गिरावट के कारण:
कमजोर तिमाही नतीजे और आईटी सेक्टर में छंटनी
डॉलर-रुपया असर और ग्लोबल मंदी का डर
क्लाइंट स्पेंडिंग में कटौती और नए सौदों की कमी 

टेक कंपनियों में छंटनी: ताज़ा जानकारी और कारण

हाल के दिनों में कई बड़ी टेक कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। इसका मुख्य कारण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का बढ़ता इस्तेमाल, कंपनी के ढांचे में बदलाव और आर्थिक समस्याएं हैं।

इंफोसिस में छंटनी

इंफोसिस ने मैसूरु कैंपस में 40-45 प्रशिक्षुओं (ट्रेनीज) को नौकरी से हटा दिया है। ये वे कर्मचारी हैं जो आंतरिक परीक्षा (Internal Assessment) पास नहीं कर सके। हालांकि, कंपनी ने इन लोगों को BPM (बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट) में 12 हफ्ते की ट्रेनिंग और दूसरी नौकरी का मौका दिया है।

इन कंपनियों ने भी की छंटनी

  • गूगल: क्लाउड डिवीजन में कर्मचारियों की छंटनी की है, लेकिन AI और क्लाउड सेक्टर में नई भर्ती की योजना भी है।
  • अमेज़न: अपने कॉर्पोरेट और कम्युनिकेशन टीमों से कर्मचारियों को हटाया, जिससे कंपनी का खर्च कम किया जा सके।
  • माइक्रोसॉफ्ट: 10,000 कर्मचारियों को हटाने का ऐलान किया, क्योंकि कंपनी अपने ढांचे में बदलाव कर रही है।

छंटनी के मुख्य कारण

  1. AI और ऑटोमेशन: कंपनियाँ अब मशीनों और सॉफ्टवेयर की मदद से काम करा रही हैं, जिससे कुछ नौकरियाँ कम हो रही हैं।
  2. कंपनी का नया ढांचा: कुछ कंपनियाँ अपनी प्रबंधन प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए पदों को खत्म कर रही हैं।
  3. आर्थिक संकट: वैश्विक मंदी की वजह से कंपनियाँ खर्च कम करने के लिए कर्मचारियों की संख्या घटा रही हैं

निष्कर्ष

आईटी सेक्टर में नौकरी की सुरक्षा को लेकर लोग चिंतित हैं। ऐसे में नई टेक्नोलॉजी सीखना और खुद को अपडेट रखना जरूरी हो गया है, ताकि नौकरी खोने का खतरा कम हो सके।

 

READ MORE 

Nifty vs Gold: में किसमें निवेश फायदेमंद? पूरी ट्रेंड एनालिसिस देखें 2025

Nifty 9:30 Trend Reversal Trading Setup (15-Min Time Frame)

 

Leave a Comment

Translate »