ईरान ने किया इज़राइल के स्टॉक मार्केट पर हमला, मध्य पूर्व में तनाव चरम पर – भारत के शेयर बाजार पर क्या होगा असर?
तेल अवीव, 19 जून 2025:
दुनिया को टेंशन में डालने वाली खबर सामने आई है। गुरुवार रात को ईरान ने इज़राइल की आर्थिक राजधानी तेल अवीव पर घातक मिसाइल हमले किए, जिसमें तेल अवीव स्टॉक एक्सचेंज को खास निशाना बनाया गया। इस हमले में स्टॉक एक्सचेंज की इमारत को भारी नुकसान पहुंचा है और पूरे मध्य पूर्व में तनाव एक नई ऊँचाई पर पहुंच गया है।
स्टॉक एक्सचेंज पर सीधा हमला: आर्थिक संरचना को नुकसान
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने 25 से अधिक मिसाइलें तेल अवीव शहर पर दागीं, जिनमें से अधिकतर का निशाना तेल अवीव स्टॉक एक्सचेंज की इमारत थी। यह इमारत इज़राइल के आर्थिक तंत्र की रीढ़ मानी जाती है।
चश्मदीदों के अनुसार, हमले के बाद इमारत से धुएं के गुबार उठते देखे गए और उसके कई हिस्से तबाह हो गए। इज़राइली मीडिया ने इस बात की पुष्टि की है कि इस हमले से देश की अर्थव्यवस्था को गहरा धक्का लगा है।
बीते छह महीनों में इज़राइली शेयर बाजार में 40% तक की तेजी देखी गई थी। निवेशकों का विश्वास लगातार बढ़ रहा था, लेकिन इस अचानक हुए हमले ने पूरी बाजार भावना को झकझोर कर रख दिया है। जानकारों का कहना है कि अगर हालात युद्ध की ओर बढ़े, तो इज़राइल के शेयर बाजार में भारी गिरावट हो सकती है।
नागरिक ठिकानों पर भी हमला: अस्पतालों पर मिसाइलें, कई घायल
यह हमला सिर्फ आर्थिक ठिकानों तक सीमित नहीं था। रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान की मिसाइलें एक अस्पताल के पास भी गिरीं, जिससे कई नागरिक घायल हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक जोरदार धमाके के बाद चारों ओर धुआं और अफरा-तफरी मच गई। अस्पताल के पास के इलाकों में दहशत फैल गई है और घायलों को अन्य चिकित्सा केंद्रों में स्थानांतरित किया गया है।
इज़राइली प्रधानमंत्री की चेतावनी
इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के मिसाइल हमले के बाद तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ईरान को इस हमले की “भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।” प्रधानमंत्री ने देश की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए ईरान को कड़ा और निर्णायक जवाब देने की चेतावनी दी।
इज़राइल का पलटवार: ईरानी ठिकानों पर जबरदस्त हमला
हमले के तुरंत बाद, इज़राइल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ईरान के कई सैन्य और परमाणु प्रतिष्ठानों पर हवाई और मिसाइल हमले किए। इज़राइल ने दावा किया है कि इन हमलों से ईरान की सैन्य क्षमताओं को बड़ा नुकसान पहुंचा है। हाल ही में एक हवाई हमले में ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारी की मौत हो गई थी, जिसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और गहरा गया था।
इज़राइली अधिकारियों का कहना है कि ये हमले ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को रोकने के लिए जरूरी हैं।
भारत और वैश्विक शेयर बाजार पर असर
इस तरह के गंभीर भूराजनीतिक घटनाक्रम का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखने को मिल सकता है। युद्ध की आशंका से तेल की कीमतों में उछाल, डॉलर की मजबूती, और विदेशी निवेशकों की सतर्कता जैसे कारक भारतीय निवेशकों की चिंता बढ़ा सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर स्थिति बिगड़ती है तो भारतीय बाजारों में भी अस्थिरता बढ़ेगी। विशेषकर IT, ऑटो और FMCG सेक्टर को दबाव का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, रक्षा और ऊर्जा सेक्टर के शेयरों में उछाल देखने को मिल सकता है।
निष्कर्ष: एक और युद्ध का खतरा मंडरा रहा है
ईरान और इज़राइल के बीच यह ताज़ा टकराव केवल दो देशों तक सीमित नहीं है। यह पूरी दुनिया की आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है। खासकर शेयर बाजार, कच्चे तेल की कीमतें और निवेश धारणा पर इसका व्यापक असर देखने को मिल सकता है। आने वाले दिनों में मध्य पूर्व की स्थिति और भारत जैसे उभरते बाजारों पर इसके प्रभाव को लेकर निवेशकों को सावधानी बरतने की ज़रूरत है।
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