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“भारत में इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर का भविष्य,फायदे और चुनौतियाँ” | Investment Opportunities in Electric Vehicles Sector In India

Future of electric vehicles in India 2030

इलेक्ट्रिक वाहन (EV) पारंपरिक ईंधन पेट्रोल या डीजल इंजन के बजाय बिजली से चलता है , EV बैटरी, इलेक्ट्रिक मोटर और कंट्रोल सिस्टम की मदद से चलता है।

 इलेक्ट्रिक वाहन के तीन प्रमुख घटक कोनसे है ?

1. बैटरी (Battery): यह वाहन को ऊर्जा प्रदान करती है। EV में लिथियम आयन बैटरी का सबसे अधिक उपयोग होता है क्योंकि यह हल्की, टिकाऊ और उच्च क्षमता वाली होती है।
2. इलेक्ट्रिक मोटर (Electric Motor): ज्यादातर DC motors या Servo Motors का उपयोग EV में होता है , यह बैटरी से ऑपरेट होती है और पहिये को घूमती है।
3. पावर कंट्रोलर (Power Controller): यह वाहन की गति को नियंत्रित करता है। और वाहन के बाकी आटोमेटिक सिस्टम को भी कंट्रोल करता है , जिसमे semiconductor Chips का उपयोग होता है | इसके अलावा, रीजनरेटिव ब्रेकिंग (Regenerative Braking) तकनीक के जरिए जब वाहन ब्रेक लगाता है, तो बैटरी खुद को चार्ज भी कर सकती है।

 Electric Vehicle (EV) के तीन मुख्य प्रकार हैं 

What are the 3 main types of electric vehicles 

1. बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (Battery Electric Vehicle – BEV)
ये वाहन पूरी तरह से बैटरी पर निर्भर होते हैं और इनमें कोई पारंपरिक इंजन नहीं होता। इन्हें चार्जिंग स्टेशन या घर पर चार्ज करके चलाया जाता है।
उदाहरण: टाटा नेक्सॉन EV, महिंद्रा XUV400 EV

2. हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (Hybrid Electric Vehicle – HEV)
इनमें इलेक्ट्रिक मोटर्स और पेट्रोल/डीजल इंजन दोनों होते हैं। यह बैटरी से और इंजन दोनों से ऊर्जा लेकर चल सकता है।
उदाहरण: टोयोटा प्रियस, होंडा सिटी हाइब्रिड

3. प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (Plug-in Hybrid Electric Vehicle – PHEV)
ये HEV जैसे ही होते हैं लेकिन इनमें एक बड़ी बैटरी होती है जिसे चार्ज किया जा सकता है। यह पहले बैटरी से चलता है और बैटरी खत्म होने पर इंजन चालू हो जाता है। उदाहरण: मित्सुबिशी आउटलैंडर PHEV, बीएमडब्ल्यू 530e

“इलेक्ट्रिक वाहन से पर्यावरण को होने वाले फायदे”

Main Benefits of electric vehicles for environment 

 

इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर का भविष्य 2030

Future of electric vehicles in India 2030  

 

भारत में EV सेक्टर की ग्रोथ

 EV सेक्टर भारत में नई नौकरियां पैदा करने, विदेशी निवेश आकर्षित करने और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने में सहायक है। यह देश के तेल आयात को कम करने में भी मदद करता है, जिससे व्यापार संतुलन में सुधार होता है।

Top electric vehicle manufacturers in india  – भारत में कई प्रमुख कंपनियां EV सेक्टर में सक्रिय हैं,

  

इलेक्ट्रिक वाहन का भविष्य 2030  : गडकरी 

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन (EV) उद्योग 2030 तक 20 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है, जो वर्तमान में 4.50 लाख करोड़ रुपये का है। यह लगभग 5 गुना वृद्धि होगी।

उन्होंने यह भी बताया कि EV सेक्टर अगले 5 वर्षों में 5 करोड़ नौकरियां सृजित कर सकता है। भारत का लक्ष्य निकट भविष्य में वैश्विक EV हब बनना है, जिससे स्वदेशी उत्पादन और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। 

Green energy from natural resources vector concept illustration

Global EV Sectorवैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर 

“इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग किन-किन क्षेत्रों से जुड़ा है?”

1.ऊर्जा और बिजली उद्योग (Energy and Power Sector): EV के बढ़ते उपयोग से बिजली की मांग में वृद्धि होगी, जिससे बिजली उत्पादन और वितरण प्रणाली (grid) पर दबाव बढ़ेगा।इसके लिए नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy) जैसे सौर और पवन ऊर्जा का उपयोग बढ़ रहा है।

 2.Battery Technology -EV & बैटरी टेक्नोलॉजी

3. इंफ्रास्ट्रक्चर   (Infrastructure Sector)

4. ऑटोमोबाइल सेक्टर का EV सेक्टर पर प्रभाव 

5.भारतीय EV सेक्टर आयात और निर्यात – भारत EV के कुछ प्रमुख घटकों जैसे बैटरियों और इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स का आयात करता है, क्योंकि घरेलू उत्पादन अभी सीमित है। हालाँकि, आत्मनिर्भर बनने और आयात निर्भरता को कम करने के लिए सरकार और उद्योग लगातार प्रयास कर रहे हैं। निर्यात के मामले में, भारत EV निर्माण का एक प्रमुख केंद्र बनने की योजना बना रहा है, खासकर अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया के बाजारों को लक्षित कर रहा है।

अगले 3-5 वर्षों में EV सेक्टर की संभावनाएं

EV सेक्टर आने वाले वर्षों में जबरदस्त वृद्धि करेगा, जिसे नई तकनीकों, सरकारी नीतियों और उपभोक्ताओं की बढ़ती स्वीकृति द्वारा संचालित किया जाएगा। हालांकि, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और आपूर्ति श्रृंखला की चुनौतियों को हल करना आवश्यक होगा।

Buget 2025-26 & effect on EV Sector – केंद्रीय बजट में EV सेक्टर को बढ़ावा

बजट 2025-26 में EV निर्माताओं और उपभोक्ताओं के लिए टैक्स में छूट और सब्सिडी जैसी प्रोत्साहन योजनाएं शामिल की गई हैं। चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और अनुसंधान पहलों के लिए किए गए वित्तीय आवंटन से इस क्षेत्र को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

Challenges for Electric vehicles in India EV से जुड़ी चुनौतियाँ

 

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