शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के अनेक प्रकार है ,लेकिन “ऑप्शन बायिंग ट्रेडिंग” आज के समय में सबसे चर्चित विषयों में से एक बन गया है। कम पैसे में ज़्यादा रिटर्न मिलने की संभावना इसको खास बनाती है। लेकिन इसमें जोखिम भी उतना ही अधिक होता है। इस लेख में हम ऑप्शन बायिंग की पूरी बेसिक जानकारी हिंदी में समझेंगे।
ऑप्शन बायिंग ट्रेडिंग क्या है?
ऑप्शन बायिंग डेरिवेटिव ट्रेडिंग का एक प्रकार है, जिसमें आप किसी स्टॉक या इंडेक्स के फ्यूचर के प्राइस मूवमेंट पर दांव लगाते हैं। इसमें दो मुख्य टाइप होते हैं।
- Call Option (कॉल ऑप्शन): जब आपको लगता है की स्टॉक या इंडेक्स कि कीमत बढ़ेगी तब इसे खरीदना होता है।
- Put Option (पुट ऑप्शन): जब आपको लगता है की स्टॉक या इंडेक्स कि कीमत घटेगी तब इसे खरीदना होता है।
ऑप्शन बायिंग में आप सिर्फ “Premium” देकर ट्रेड करते हैं, जिससे रिस्क लिमिटेड होता है, लेकिन रिवार्ड अनलिमिटेड हो सकता है।
ऑप्शन बायिंग कैसे काम करता है?
उदाहरण के लिए, यदि Nifty50 अभी 23000 पर है,और उसी समय आपको लगता है की 23200 जा सकता है इसलिए आप 23200 का Call Option खरीदते हैं, तो अगर Nifty expiry से पहले 22200 से ऊपर जाता है, तो आपने लिया हुवा प्रीमियम बढ़ेगा और आपको मुनाफा होगा ।
लेकिन अगर एक्सपायरी के दिन निफ़्टी अगर 23150 पर बंद होता है तो आपक प्रीमियम जीरो हो जायेगा इसका ध्यान रखना पड़ता है ,और सोच समझकर ट्रेडिंग निर्णय लेना पड़ता है।
बड़े इवेंट के दिन ही आप कॉल और ऑप्शन पुट ऑप्शन को एक साथ खरीद सकते है वो भी आपके कॅपिटल के अनुसार
ऑप्शन बायिंग के फायदे (Advantages)
- ऑप्शन ट्रेडिंग के कई फायदे है , उसमे से सबसे बड़ा फायदा यह है की , इस ट्रेडिंग प्रकार के लिए कम कॅपिटल लगता है और आप अपने मोबाइल से जहा पर है वही से ट्रेडिंग कर सकते है।
- रिस्क लिमिटेड – अगर आप 30 रुपये का प्रीमियम खरीदते है तो वह ज्यादा से ज्यादा जीरो हो सकता है , मतलब रिस्क लिमिटेड होती है। (केवल प्रीमियम तक)
- हेजिंग के लिए उपयोगी – अगर आपके पास टाटा मोटर्स के शेयर्स है , और आपको उन शेयर्स को लम्बी अवधि तक रखना है , लेकिन किसी न्यूज़ की वजह से मार्केट या स्टॉक थोड़े दिनों के लिए निचे जा सकता है , ऐसे समय आप टाटा मोटर्स के पुट ऑप्शन खरीद सकते है और अपने लॉस को कण्ट्रोल कर सकते है।
- अगर स्टॉक या कोई इंडेक्स में मूवमेंट आती है ऐसे समय आप कम कैपिटल में ऑप्शन बाय कर सकते है और प्रॉफिट कमा सकते है।
ऑप्शन बायिंग के नुकसान (Disadvantages)
- टाइम वैल्यू (Time Decay) – ऑप्शन में एक्सपायरी होने के कारन इसमें टाइम की वैल्यू प्रीमियम में होती है इसलिए समय के साथ Premium घटता है,
ऑप्शन बाइंग का यह सबसे बड़ा दुश्मन है। इसलिए ऑप्शन को कम समय के लिए होल्ड रखना चाहिए - ऑप्शन बायिंग में पैसे कमाने के लिए ,स्टॉक या इंडेक्स में ट्रेंड होना बहुत जरुरी है , अगर मार्केट साइड वेज़ (कम मूवमेंट ) होती है , तो ऑप्शन के प्रीमियम बढ़ने की वजाय घटते है और ऑप्शन बायर को नुकसान उठाना पड़ता है।
- ऑप्शन बाइंग में एक्सपायरी के दिन बहुत ही सतर्कता से ट्रेड करना चाहिए , क्यू की स्पाइक याने थोड़े देर के लिए आपके ट्रेड के खिलाफ बड़ी मोवमेंट आती है तो तेजी से पैसे खत्म होने का खतराहोता है।
नये ऑप्शन ट्रेडर के लिए के लिए जरूरी बातें
(Important Tips for Beginners)
- आपने लिए हुवे ट्रेड पर आपको कितना भी कॉन्फिडेंस हो लेकिन हमेशा Stop Loss का प्रयोग करें,यह बड़े लॉस से आपको बचाएगा और आपके डर को काबू में रखेगा।
- अगर आपको स्टॉक या इंडेक्स की दिशा(trend ) के बारेमे कन्फर्म नहीं है तो ट्रेड लेने की जल्दबाजी न करे , बिना ट्रेंड समझे ट्रेड ना करें।
- ऑप्शन में प्रीमियम तेजी से ऊपर निचे होते है , जिसके कारन ओवरट्रेडिंग होने के चांस ज्यादा होते है,आप हमेशा एक दिन में कितने ट्रेड लेने है यह पहले से ही तय करे , और हर ट्रेड में लॉट की संख्या सेम रखे इससे आप Overtrade करने से बच सकते है।
- कभी कभी किसी इवेंट के वजह से मार्केट में अचानक तेजी या मंदी आती है,और प्रीमियम तेजी से बढ़ते है , और आप देखते है की 20 का ऑप्शन प्रीमियम 120 हो गया लेकिन यह बार बार नहीं होता है इसलिए ,एक ही ट्रेड में बड़ी उम्मीद ना रखें।
- सीखते हुए धीरे धीरे कम कॅपिटल से ही ट्रेडिंग की शुरवात करे।
- नए ट्रेडर के लिए और एक सुझाव है की आप शुरवात में वीकली ऑप्शन में ट्रेड न करे शुरवात मंथली ऑप्शन ट्रेडिंग से करे जिससे आपको सोचने के लिए समय ज्यादा मिलेगा
ATM, ITM, और OTM ऑप्शन क्या होते हैं?
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ATM (At The Money): जहाँ Strike Price = Current Price
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ITM (In The Money): जहाँ ऑप्शन पहले से ही फायदे में है
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OTM (Out of The Money): जहाँ ऑप्शन अभी फायदे में नहीं है
- अगर मान लीजिये की निफ़्टी २३००० चल रहा है , तो 23000 का कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन ये दोनों ATM (At The Money) हुवे
- 23000 के ऊपर की स्ट्राइक प्राइसेस 23100 का कॉल ऑप्शन OTM (Out of The Money) हुवा लेकिन 23100 का पुट ऑप्शन ITM (In The Money) हुवा
- उसी तरह 23000 के निचे की स्ट्राइक प्राइसेस 22900 का कॉल ऑप्शन ITM (In The Money) हुवा लेकिन 22900 का पुट ऑप्शन OTM (Out of The Money) हुवा
ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए जरूरी प्लेटफॉर्म्स
- अगर आप नए ट्रेडर है तो आप Zerodha Kite के साथ जा सकते है , इनका ऐप बहुत ही सिंपल और ट्रेडिंग फ्रेंडली है , वैसे ही आप Upstox , Angel One के साथ भी जा सकते है आज कल हर ट्रेडिंग ऐप यूजर फ्रेंडली बनाया जा रहा है, यह आपके ऊपर निर्भर करता है की आप को कोनसा ऐप में ट्रेडिंग करना अच्छा लगता है।
- लेकिन चार्ट देखने के लिए और आपका ट्रेडिंग सेटअप लगाने के लिए TradingView का उपयोग कर सकते है।
FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q.1 ऑप्शन बायिंग में कितना पैसा लगाना चाहिए?
👉 शुरुआत में ₹2000 – ₹5000 से सीखने के लिए शुरू कर सकते हैं।
Q.2 क्या ऑप्शन बायिंग से पैसे कमाना संभव है?
👉 हां, सही स्ट्रेटेजी, रिस्क मैनेजमेंट और अनुशासन से संभव है।
Q.3 ऑप्शन बायिंग सीखने के लिए क्या करना चाहिए?
👉 बेसिक ज्ञान, चार्ट पढ़ना, और डेमो ट्रेडिंग से शुरुआत करें।
Q.4 क्या ऑप्शन बायिंग रिस्की है?
👉 हां, लेकिन इसमें नुकसान प्रीमियम तक सीमित होता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
ऑप्शन बायिंग ट्रेडिंग कम पूंजी में बड़ा अवसर देती है, लेकिन इसके लिए सही ज्ञान, रणनीति और भावनात्मक नियंत्रण जरूरी है। अगर आप इसे सीखकर धीरे-धीरे अभ्यास करते हैं, तो यह एक बेहतरीन इनकम स्रोत बन सकता है। शुरुआत में छोटा रिस्क लें और लगातार सीखते रहें।