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ऑप्शन बायिंग की टॉप 5 स्ट्रेटेजीज़ – हिंदी में आसान समझ

जानिए ऑप्शन बायिंग की 5 बेस्ट स्ट्रेटेजीज़ हिंदी में

जानिए ऑप्शन बायिंग की 5 बेस्ट स्ट्रेटेजीज़ हिंदी में

“Option Buying Strategies in Hindi” परिचय (Introduction)

ऑप्शन बायिंग जितना आसान लगता है ,उससे कई ज्यादा ही कॉम्प्लिकेटेड भी है , ऑप्शन बायिंग में सफल होने के लिए ऑप्शन ट्रेडिंग को समझना बहुत जरुरी है , सफल होने के लिए सिर्फ ट्रेंड पकड़ना काफी नहीं है, आपको एक ठोस ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी की भी जरूरत होती है।

अगर आप बिना ट्रेडिंग प्लान के सिर्फ उम्मीद के भरोसे ट्रेड कर रहे हैं, तो लॉस तय है। इस लेख में हम 5 सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली ऑप्शन बायिंग रणनीतियाँ (Strategies) को आसान भाषा में समझेंगे।

 

1. ब्रेकआउट स्ट्रेटेजी (Breakout Strategy)

कब इस्तेमाल करें?

ज्यादा तर समय स्टॉक या इंडेक्स कंसोलिडेट होता है , मतलब एक ही रेंज में ऊपर निचे होता है , जब भी इस एरिया से इंडेक्स ब्रेकआउट करता है ऐसे समय ट्रेड ले इसेही ब्रेकआउट स्ट्रैटर्जी कहते है।

कैसे काम करें?

उदाहरण:
Nifty ने 22000 का रेसिस्टेंस तोड़ा, तो 22100 CE खरीद सकते हैं।

ब्रेकआउट स्ट्रेटेजी की खास बातें :

  1. यह स्ट्रेटेजी ओवर ट्रेडिंग से बचाती है, जिससे अनावश्यक एंट्री और नुकसान कम होते हैं।
  2. पहले से तय लेवल पर ट्रेडिंग करने से इमोशन्स पर अच्छा नियंत्रण बना रहता है।
  3. सही ब्रेकआउट पर एंट्री लेने से बड़ा प्रॉफिट कमाने का मौका मिल सकता है।
  4. चार्ट पर क्लियर सपोर्ट-रेज़िस्टेंस से ट्रेडिंग डिसीजन लेना आसान और स्पष्ट हो जाता है।
  5. ब्रेकआउट के नीचे या ऊपर स्टॉपलॉस लगाना आसान होता है, रिस्क सीमित रहता है।
  6. यह स्ट्रेटेजी सिर्फ ट्रेंडिंग मूव पकड़ती है, जिससे साइडवेज़ मार्केट से बचा जा सकता है।
  7. डिसिप्लिन में ट्रेडिंग होती है क्योंकि स्ट्रेटेजी फिक्स रूल्स पर आधारित होती है हर बार।

 

ब्रेकआउट स्ट्रेटेजी

 

2. ट्रेंड फॉलो स्ट्रेटेजी (Trend Following Strategy)

कब इस्तेमाल करें?

ट्रेंड फॉलोइंग ट्रेडिंग एक ऐसा तरीका है जिसमें हम अनुमान नहीं लगाते, हम केवल ‘रिएक्ट’ करते हैं। जब मार्केट एक स्पष्ट अपट्रेंड या डाउनट्रेंड में हो।

SMA 44 चैनल ब्रेकआउट स्ट्रैटेजी – एक ट्रेंड-फॉलोइंग तकनीक

SMA 44 Channel Breakout Strategy एक बेहतरीन Trend-Following Technique है, जो विशेष रूप से SMA 44 High और SMA 44 Low के बीच एक चैनल बनाकर ट्रेडिंग के लिए सटीक और स्पष्ट संकेत देती है। यह रणनीति न केवल प्रोफेशनल ट्रेडर्स के लिए, बल्कि नए निवेशकों के लिए भी सरल और उपयोगी है।

इस स्ट्रैटेजी की खास बातें:

ट्रेंड फॉलोइंग स्ट्रेटेजी के प्रमुख फायदे

  1. चाहे मार्केट तेजी में हो या मंदी में – ट्रेंड फॉलोइंग तकनीक दोनों स्थितियों में प्रॉफिट कमाने का मौका देती है।
  2. इस रणनीति में आपको भविष्य की भविष्यवाणी करने की जरूरत नहीं है। सिर्फ प्राइस एक्शन यानी भावों की दिशा पर ध्यान देना होता है।
  3. न तो किसी टीवी चैनल की राय, न ब्रोकर्स या एनालिस्ट की सलाह की जरूरत होती है – केवल चार्ट और प्राइस मूवमेंट काफी है।
  4. इस सिस्टम में हर सौदे के साथ स्टॉप लॉस पहले से तय होता है, जिससे नुकसान सीमित रहता है।
  5. ट्रेंड फॉलोइंग में लॉस जल्दी कट किया जाता है और प्रॉफिट को लंबे समय तक चलने दिया जाता है – जिससे बड़ा मुनाफा बन सकता है।

 


 

3. न्यूज़ या इवेंट बेस्ड स्ट्रेटेजी (Event Based Strategy)

कब इस्तेमाल करें?

बड़े इवेंट्स (बजट, रिजल्ट, RBI पॉलिसी) के दौरान इस स्ट्रेटेजी से अच्छा प्रॉफिट हो सकता है। विदेशी इवेंट्स (US Fed Rate, क्रूड ऑयल प्राइस, जियोपॉलिटिकल टेंशन) भी भारतीय बाजार को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे इंडेक्स और स्टॉक्स में भारी उतार-चढ़ाव आता है।                                         RBI मीटिंग, बजट, रिजल्ट सीज़न, या कोई बड़ी कंपनी न्यूज़ से पहले।

कैसे काम करें?

 

Event Based Strategy के प्रमुख फायदे:

  1. बड़े इवेंट पर ट्रेडिंग से ज़बरदस्त वोलैटिलिटी मिलती है, जिससे प्रॉफिट के मौके बढ़ते हैं।
  2. कम समय में बड़ा मूव पकड़ने का मौका मिलता है, जिससे रिटर्न शानदार हो सकता है।
  3. मार्केट की दिशा इवेंट के बाद क्लियर हो जाती है, फॉलोअप ट्रेड आसान होते हैं।
  4. News, Sentiment और Price Action तीनों का मेल इस स्ट्रेटेजी में शानदार काम करता है।
  5. Gap-up या Gap-down ओपनिंग से ट्रेडर को ट्रेंड पहचानने में जल्दी मदद मिलती है।
  6. Election, Budget, RBI Policy जैसे इवेंट्स में हाई रिस्क लेकिन हाई रिवॉर्ड स्ट्रेटजी साबित होती है।

 

 

4. हाई IV स्ट्रेटेजी (High Implied Volatility Strategy)

कब इस्तेमाल करें?

जब ऑप्शन की IV (Implied Volatility) बहुत ज़्यादा हो।

🔍 कैसे काम करें?


5. ओपनिंग रेंज ब्रेकआउट (ORB) स्ट्रैटेजी

Opening Range Breakout Strategy (ORB Strategy)

कब इस्तेमाल करें?

मार्केट ओपन होने के पहले 15 मिनट के हाई-लो के ब्रेक पर।

🔍 कैसे काम करें?

 


📌 Bonus Tips:


FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q.1 ऑप्शन बायिंग के लिए बेस्ट स्ट्रेटेजी कौन सी है?
👉 ब्रेकआउट और ट्रेंड फॉलोइंग स्ट्रेटेजी शुरुआती लोगों के लिए सबसे आसान और असरदार होती है।

Q.2 क्या एक ही स्ट्रेटेजी हर दिन काम करती है?
👉 नहीं, मार्केट कंडीशन के अनुसार स्ट्रेटेजी बदल सकती है।

Q.3 स्ट्रेटेजी तो सही है, फिर भी लॉस क्यों हो रहा है?
👉 कारण हो सकते हैं – गलत टाइमिंग, ज़्यादा ट्रेडिंग, बिना SL के ट्रेड।

Q.4 क्या इन स्ट्रेटेजीज़ को मोबाइल से फॉलो कर सकते हैं?
👉 हां, Zerodha Kite, Upstox, और TradingView जैसे प्लेटफॉर्म मोबाइल में आसानी से इस्तेमाल किए जा सकते हैं।


निष्कर्ष (Conclusion)

ऑप्शन बायिंग में मुनाफा तभी संभव है जब आप एक निश्चित रणनीति और मानसिक अनुशासन के साथ ट्रेड करें। ऊपर बताई गई स्ट्रेटेजीज़ आपको एक सही दिशा देने में मदद करेंगी। याद रखें, कोई भी स्ट्रेटेजी 100% गारंटी नहीं देती, लेकिन सही अभ्यास से आप लगातार बेहतर बन सकते हैं।

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