ऑप्शन राइटिंग: जानिए कैसे सही तरीके से करें और गलती से बचें
आज हम एक ऐसे ऑप्शन ट्रेडिंग के टाइप के बारेमे बात करने जा रहे हैं, जो बहुत लोग करते हैं लेकिन सही तरीके से नहीं उसका सही तरीके से कैसे करे इसके बारेमे हम जानकारी लेंगे — ऑप्शन राइटिंग ये लगातार और कम रिस्क इनकम कमाने का एक बेहतरीन तरीका माना जाती है, लेकिन ज्यादातर रिटेल ट्रेडर्स इसमें नुकसान झेलते हैं। क्यों? क्योंकि वो रिस्क, मनी मनेजमेंट और पोजीशन साइज़िंग और ट्रेडिंग साइकोलॉजी को नजरअंदाज करते हैं।
इस लेख में हम जानेंगे:
- ऑप्शन राइटिंग क्या है?
- इसमें मिलने वाले फायदे
- ट्रेडर्स कहाँ गलती करते हैं?
- सही तरीका क्या है?
- और अंत में एक प्रैक्टिकल टिप।
ऑप्शन राइटिंग क्या है?
ऑप्शन राइटिंग का मतलब है ऑप्शन बेचना।
जब आप कोई Call या Put ऑप्शन बेचते हैं, तो आपको premium के रूप में पैसे मिलते हैं। यदि वह ऑप्शन एक्सपायरी तक बेकार (worthless) हो जाता है, तो पूरा प्रीमियम आपका प्रॉफिट बन जाता है।
ऑप्शन राइटिंग के फायदे:
- Time Decay (Theta) का फायदा:
जैसे-जैसे समय बीतता है, ऑप्शन की वैल्यू गिरती है। ऑप्शन सेलर को इस ‘थीटा डिके’ से फायदा होता है। - Range-bound मार्केट में बेहतरीन:
जब मार्केट साइडवेज़ हो, ट्रेंड ना बने, या एक्सपायरी के नजदीक हो — तब ऑप्शन राइटिंग सबसे अच्छी साबित होती है।
90% ट्रेडर्स कहाँ गलती करते हैं?
1. रिस्क मैनेजमेंट नहीं होता:
ज्यादातर ट्रेडर ऑप्शन सेलिंग को हेजिंग के साथ नहीं करते या फिर स्टॉपलॉस नहीं लगाते है । अगर कोई बडा स्पाइक आता या आपके उलटी दिशा में फ़ास्ट मूवमेंट आती है तो आपका पूरा मंथली प्रॉफिट उड़ा सकता है।
2. ओवरलेवरेजिंग करते हैं:
जल्दी प्रॉफिट करने के चक्कर में ट्रेडर ज़्यादा क्वांटिटी में सेल करके, मार्जिन और वोलाटिलिटी को नजरअंदाज करता हैं। इससे ट्रेडर का ट्रेडिंग कॅपिटल को बड़ा खतरे में आ जाता है।
3. डेटा-बेस्ड स्ट्रॅटेजी नहीं होती:
ऑप्शन राइटिंग में टेक्निकल एनालिसिस और डाटा एनालिसिस दोनों महत्वपुर्ण होते है , बिना OI, IV, VIX, या मार्केट स्ट्रक्चर समझे,ऑप्शन सेल करना एक जुआ है।
4. गलत मार्केट कंडीशन में ट्रेड:
ऑप्शन राइटिंग में ट्रेंड से ज्यादा साइड वेज़ मार्केट उपयोगी होता है , ट्रेंडिंग फेज या ब्रेकआउट फेज में ऑप्शन सेल करना नुकसान का कारण बनता है — खासकर बिना हेजिंग वाले (naked) राइटर्स के लिए।
मनोज शिंदे का सुझाव
“जब तक डेटा, स्ट्रक्चर और हेजिंग आपके पक्ष में ना हो, ऑप्शन ना बेचें। इसे एक बिज़नेस की तरह ट्रीट करें, शॉर्टकट की तरह नहीं।”
मनोज शिंदे एक एक्सपीरियंस्ड ऑप्शन राइटर हैं जिन्होंने यह सिद्ध किया है कि एक सिस्टमेटिक अप्रोच से ही रेगुलर प्रॉफिट कमाया जा सकता है।
ऑप्शन राइटिंग कैसे करें सही तरीके से?
- हमेशा ट्रेंड एनालिसिस करें
अगर मार्केट रेंज में है, तभी ऑप्शन राइटिंग करें। - IV और VIX का विश्लेषण करें
हाई IV का मतलब हाई रिस्क। कम IV में ऑप्शन सेल करना बेहतर होता है। - Open Interest (OI) को समझें
कहाँ पर बड़ी कॉल या पुट राइटिंग हो रही है, इससे मार्केट की दिशा का अंदाज़ा लगता है। - हेजिंग ज़रूरी है
एक ऑप्शन राइटिंग के साथ दूसरा ऑप्शन खरीद कर या फ्यूचर्स के साथ हेजिंग करना रिस्क को कम करता है। - स्टॉप लॉस और कैपिटल अलोकेशन
एक ट्रेड में कितना पैसा लगाना है, और इसका इसका स्टॉपलॉस कितना रखना है यह पूर्व निर्धारण करें। लालच में आकर फुल कैपिटल ना लगाएं।

निष्कर्ष (Conclusion)
ऑप्शन राइटिंग एक पावरफुल इनकम जेनरेशन स्ट्रॅटेजी है — लेकिन सिर्फ तभी जब आप इसे सही तरीके से करें। ज्यादातर ट्रेडर्स बिना सिस्टम, बिना डेटा और सिर्फ लालच में ऑप्शन सेल करते हैं और नुकसान उठाते हैं।
अगर आप सच में ऑप्शन राइटिंग से कमाना चाहते हैं, तो:
- ग्रीक्स को समझें (Theta, Delta, Vega)
- ट्रेंड को पहचानें
- रिस्क मैनेज करें
- और इसे एक प्रोफेशनल अप्रोच के साथ अपनाएं।
क्या आप ऑप्शन राइटर हैं या बनने की योजना बना रहे हैं?
ऑप्शन राइटिंग बड़े खिलाड़ियों का गेम है , आप इसमें शामिल होना चाहते है , या पहले से इसमें शामिल है तो कमेंट करें और शेयर करें अपना अनुभव।
आइए मिलकर प्रॉफिटेबल ऑप्शन राइटिंग कम्युनिटी बनाएं — जहाँ हर ट्रेडर एक दूसरे को सही रास्ते पर चलने के लिए हेल्प करे और सभी आगे बढे, धन्यवाद।

ऑप्शन राइटिंग से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
1. ऑप्शन राइटिंग क्या होती है?
उत्तर: ऑप्शन राइटिंग का मतलब है ऑप्शन बेचना (Call या Put),इसमें ट्रेडर प्रीमियम कमाता है और उम्मीद करता है कि ऑप्शन एक्सपायरी तक जीरो हो जाएगा।ऑप्शन राइटिंग में ट्रेडर को थीटा (Theta) यानी समय के साथ वैल्यू घटने का फायदा मिलता है।
2. ऑप्शन राइटिंग कब करनी चाहिए?
उत्तर: जब मार्केट रेंज-बाउंड या साइडवेज़ हो और वोलाटिलिटी कम हो। साइडवेज़ एक्सपायरी वाले दिन यह अधिक फायदेमंद हो सकती है।
3. क्या बिना हेजिंग के ऑप्शन राइटिंग करना ठीक है?
उत्तर: नहीं, बिना हेजिंग (Naked Writing) बहुत जोखिम भरा है। हमेशा हेज के साथ ही ऑप्शन राइटिंग करें।
4. ऑप्शन राइटिंग में स्टॉप लॉस कितना जरूरी है?
उत्तर: बहुत जरूरी है। एक तेज़ मूवमेंट आपका पूरा मंथली प्रॉफिट खत्म कर सकता है। SL लगाना अनिवार्य है।
5. IV और VIX को ऑप्शन राइटिंग में कैसे देखना चाहिए?
उत्तर: कम IV और स्थिर VIX ऑप्शन राइटिंग के लिए आदर्श होते हैं। हाई IV में रिस्क अधिक होता है।
6. ओपन इंटरेस्ट (OI) क्यों देखना जरूरी है?
उत्तर: OI से पता चलता है कि मार्केट में कहां राइटिंग हो रही है। इससे सपोर्ट और रेजिस्टंस का अंदाज़ा लगता है।
7. ऑप्शन राइटिंग के लिए कितना कैपिटल लगाना चाहिए?
उत्तर: एक ट्रेड में कुल कैपिटल का 40–30% से अधिक उपयोग न करें। ओवरलेवरेजिंग से बचें।
8. ऑप्शन राइटिंग में किस प्रकार की रणनीति अपनानी चाहिए?
उत्तर: हमेशा बैकटेस्टेड, डेटा-बेस्ड रणनीति अपनाएं। OI, IV, ट्रेंड, और स्ट्रक्चर के आधार पर निर्णय लें।
9. ऑप्शन राइटिंग में भावनात्मक नियंत्रण कितना महत्वपूर्ण है?
उत्तर: अत्यधिक महत्वपूर्ण। लालच, डर, और बदला लेने की मानसिकता भारी नुकसान का कारण बन सकती है।
“कभी भी गिरते या चढ़ते हुए चाकू को मत पकड़ो। जब मार्केट तेज़ मूव कर रहा हो, तो ऑप्शन राइटिंग से दूर रहें।”
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