SEBI ने ग्लोबल ट्रेडिंग फर्म Jane Street ने निफ़्टी बैंक में
₹36,500 करोड़ की मनीपुलेशन के कारन लगाया बैन
नई दिल्ली: दुनिया की प्रमुख हाई-फ्रिक्वेंसी ट्रेडिंग कंपनियों में से एक Jane Street Group LLC यह विदेशी कंपनी अभी के समय भारतीय शेयर बाजार में चर्चा में बनी हुई है। इसका कारण SEBI द्वारा इस विदेशी कंपनी पर ₹36,500 करोड़ की मार्केट Market Manipulation का गंभीर आरोप किया है और उसपर भारतीय शेयर बाजार में निर्बंध लगाये है
यह कंपनी बीचमे इसलिए भी चर्चा में थी क्यू की इस कंपनी ने IIT मद्रास के एक छात्र को ₹4.3 करोड़ का सालाना का भारी भरकम ऑफर दिया था। लेकिन इस ऑफर के कुछ ही समय बाद, SEBI ने Jane Street की भारत में हो रही ट्रेडिंग गतिविधियों की जांच के बाद इस पर सख्त एक्शन लिया है।
Jane Street कौन है?
साल 2000 में स्थापित, Jane Street एक ग्लोबल प्रोप्राइटरी ट्रेडिंग फर्म है जिनके बड़े बड़े ऑफिस अमेरिका, यूरोप और एशिया में है और इन्ही ऑफिस से यह ट्रेडिंग फर्म 45 देशों में ट्रेड करती है। इस कंपनी के पास 2,600 से ज्यादा कर्मचारी हैं और यह हर दिन करोड़ों डॉलर के हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेड ( high-frequency trade ) करती है।
यह कंपनी भारत में टॉप इंजीनियरों और गणितज्ञों को बड़े पैकेज देकर आकर्षित करती है, जिनकी टेक्निकल एनालिसिस की क्षमता और प्रोग्रामिंग स्किल्स बेहद मजबूत होती है। और इनका इस्तमाल ट्रेडिंग और सॉफ्टवेयर बनाने में करती है और तगड़ा मुनाफा कमाती है,इसका गलत इस्तमाल इसबार इन्होने भारत के शेयर बजार में किया है।
SEBI का बड़ा एक्शन
- SEBI ने Jane Street इस विदेशी कंपनी पर आरोप लगाया है कि उसने जनवरी 2023 से मई 2025 के बीच भारतीय बाजारों में ₹36,671 करोड़ का मुनाफा गैरकानूनी तरीके से कमाया।
- SEBI की जांच के मुताबिक, Jane Street ने कैश, फ्यूचर्स और ऑप्शन मार्केट में एक साथ ट्रेड करके इंडेक्स म्यानि पुलेशन की है । इस गड़बड़ी की वजह से बाकी रिटेल ट्रेडर्स को भारी नुकसान हुआ।
- SEBI ने कंपनी के भारत में सभी खातों को फ्रीज कर दिया है और ₹4,843 करोड़ की कमाई जब्त कर ली गई है। साथ ही, Jane Street को भारतीय मार्केट से बाहर कर दिया गया है।

उदय कोटक और नितिन कामत ने क्या कहा?
कोटक महिंद्रा बैंक के फाउंडर उदय कोटक ने ट्विटर पर कहा कि,
“यह मामला दिखाता है कि कैसे ‘मनी पावर’ और ‘लो लिक्विडिटी’ के चलते बड़े प्लेयर मार्केट को प्रभावित कर सकते हैं।”
वहीं Zerodha के को फाउंडर नितिन कामत ने बताया कि बड़ी फर्म्स जैसे Jane Street, ऑप्शन ट्रेडिंग वॉल्यूम का लगभग 50% हिस्सा रखती हैं। इसका मतलब है कि वे बाजार की दिशा तय करने की शक्ति रखते हैं।
क्या खास था इस केस में?
SEBI ने बताया कि यह मामला इसलिए अलग है क्योंकि पहले की ज्यादातर मनीपुलेशन केस केवल कुछ इंडिविजुअल स्टॉक्स तक सीमित थे। लेकिन Jane Street ने निफ्टी 50 और बैंक निफ्टी जैसे हाई वॉल्यूम इंडेक्स में छेड़छाड़ करके इंडेक्स ऑप्शन्स में भारी मुनाफा कमाया।
SEBI के शब्दों में:
“यह पहला मामला है जहां हाई लिक्विडिटी वाले मल्टीपल स्टॉक्स का उपयोग करके इंडेक्स ऑप्शन मार्केट को मैनिपुलेट किया गया है।”
निष्कर्ष – Jane Street का मामला यह दर्शाता है कि भारत के बढ़ते डेरिवेटिव्स मार्केट में पारदर्शिता बनाए रखना कितना जरूरी है। IIT जैसे टॉप संस्थानों के छात्रों को आकर्षित करने वाली यह कंपनी अब जांच के घेरे में है, और इससे युवा प्रोफेशनल्स को भी एक सीख मिलती है कि नियमों से बढ़कर कुछ नहीं।
स्रोत: इस खबर की मूल जानकारी livemint.com व economictimes.indiatimes.com की रिपोर्ट पर आधारित है।
FAQ (Frequently Asked Questions)
Q1. Jane Street किस देश की कंपनी है?
Jane Street अमेरिका आधारित एक ग्लोबल हाई-फ्रिक्वेंसी ट्रेडिंग कंपनी है।
Q2. Jane Street पर SEBI ने क्या कार्रवाई की है?
SEBI ने Jane Street पर ₹36,500 करोड़ की मनीपुलेशन का आरोप लगाकर उसे भारतीय शेयर बाजार से बैन कर दिया है।
Q3. Jane Street ने IIT के छात्र को कितना पैकेज ऑफर किया था?
कंपनी ने IIT मद्रास के एक छात्र को ₹4.3 करोड़ का सालाना पैकेज दिया था।
Q4. क्या Jane Street अब भारत में ट्रेड कर सकती है?
नहीं, SEBI के बैन के बाद Jane Street फिलहाल भारत में किसी भी प्रकार की ट्रेडिंग नहीं कर सकती।
Q5. Jane Street ने किन स्टॉक्स में मनीपुलेशन किया?
SEBI के अनुसार, कंपनी ने मुख्यतः Nifty 50 और Bank Nifty जैसे हाई वॉल्यूम इंडेक्स के डेरीवेटिव सेगमेंट में हेराफेरी की।
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