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Share market ke andar ki baat | शेयर मार्केट की अंदर की बात जनहित में जारी

Share market ke andar ki baat Issued in public interest 

शेयर बाजार जटिल और गतिशील है, जहां बड़े खिलाड़ी (FIIs, DIIs, HNIs) और एल्गोरिदम का नियंत्रण होता है। आम रिटेल ट्रेडर्स जो देखते हैं, वह सिर्फ ऊपरी परत होती है, जबकि असली खेल ऑर्डर फ्लो, लिक्विडिटी और स्मार्ट मनी मूवमेंट्स का होता है।


News Trading – न्यूज से ज्यादा प्राइस एक्शन जरूरी होता है

से ज्यादा प्राइस एक्शन जरूरी होता है ,जब कोई बड़ी खबर आती है, तब तक बड़े खिलाड़ी पहले ही अपनी पोजीशन बना या निकाल चुके होते हैं।

रिटेलर्स खबर के चक्कर में फंस जाते हैं, और बड़े खिलाड़ी उन्हें ट्रैप कर लेते हैं।


What is Insider Trading ?  इंसाइडर ट्रेडिंग कैसे होता है ?

  • इंसाइडर ट्रेडिंग का मतलब है कंपनी से जुड़ी गुप्त (गोपनीय) जानकारी का गलत फायदा उठाकर शेयर खरीदना या बेचना। ये जानकारी आम जनता को नहीं पता होती, लेकिन कंपनी के कुछ लोग (जैसे डायरेक्टर्स, सीईओ, या कर्मचारी) इसे जानते हैं और इसका इस्तेमाल करके अवैध लाभ कमाते हैं।
  • अगर किसी कंपनी का मालिक जानता है कि अगले हफ्ते कंपनी का बड़ा सौदा (डील) होने वाला है, जिससे शेयर प्राइस बढ़ेगा, तो वो पहले ही खुद या किसी भरोसेमंद व्यक्ति के नाम से शेयर खरीद लेता है।
  • इसी तरह, अगर किसी कंपनी को भारी नुकसान होने वाला है और ये जानकारी अंदर के लोगों को पहले से पता है, तो वे शेयर बेचकर घाटे से बच जाते हैं।

क्यों गैरकानूनी है?

 ये अन्य निवेशकों के साथ धोखा है क्योंकि उन्हें समान मौका नहीं मिलता।
इससे मार्केट में निष्पक्षता (Fairness) खत्म होती है।
 सरकार और सेबी (SEBI) इसे रोकने के लिए सख्त कानून बनाए हैं।


Pump and Dump Scheme kya hai   

पंप एंड डंप स्कीम एक धोखाधड़ी है, जिसमें कुछ लोग (मैनिपुलेटर्स) जानबूझकर किसी सस्ते शेयर की कीमत बढ़ाते हैं (Pump) और जब पब्लिक लालच में आकर खरीदने लगती है, तो वे ऊँचे दाम पर शेयर बेचकर निकल जाते हैं (Dump)। इसके बाद शेयर की कीमत धड़ाम से गिर जाती है, और आम निवेशक फंस जाते हैं।

पंप एंड डंप कैसे होता है?

फर्जी प्रचार (Hype) किया जाता है – सोशल मीडिया, वॉट्सऐप ग्रुप्स, टेक्स्ट मैसेज,ईमेल फेक न्यूज से बताया जाता है कि यह शेयर “मल्टीबैगर” बनेगा।
कीमत बढ़ती है – मैनिपुलेटर्स खुद बड़ी मात्रा में खरीदारी करके शेयर के प्राइस को ऊपर ले जाते हैं।
 रिटेल निवेशक फंसते हैं – आम लोग तेजी देखकर शेयर खरीदते हैं।
 बड़े खिलाड़ी शेयर बेच देते हैं – जब कीमत ऊँचाई पर होती है, स्कैमर्स अपनी होल्डिंग बेचकर मुनाफा ले लेते हैं।
 शेयर क्रैश होता है – कीमत गिर जाती है, और आम निवेशकों को भारी नुकसान होता है।


High-Frequency Trading (HFT) – हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग  

HFT एक ऐसी तकनीक है जिसमें कंप्यूटर प्रोग्राम का उपयोग करके सेकंड के अंशों में हजारों ट्रेड किए जाते हैं। यह तकनीक आम निवेशकों के लिए पारदर्शी नहीं होती और इससे मार्केट में अस्थिरता आ सकती है।


टैक्स और फीस का प्रभाव 

शेयर मार्केट में निवेश करते समय टैक्स और ब्रोकरेज फीस का भी ध्यान रखना जरूरी है। इनका प्रभाव आपके कुल रिटर्न पर पड़ सकता है।


रिटेल ट्रेडर्स को अक्सर फंसाया जाता है-

ऑप्शन ट्रेडिंग में खासकर स्टॉप लॉस हंटिंग बहुत होती है।
जहाँ ज्यादा लोग स्टॉप लॉस रखते हैं, मार्केट वहीं जाकर उन्हें हिट करता है और फिर अपनी असली दिशा में चलता है।


Sector Rotation in Stock Market – स्टॉक मार्केट में सेक्टर रोटेशन क्या है?

सेक्टर रोटेशन एक निवेश रणनीति है जिसमें अलग-अलग आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार विभिन्न सेक्टर्स में निवेश को शिफ्ट किया जाता है।

कैसे काम करता है?

  • अर्थव्यवस्था अलग-अलग चरणों (Recovery, Expansion, Slowdown, Recession) से गुजरती है।
  • हर चरण में कुछ सेक्टर्स बेहतर प्रदर्शन करते हैं।
  • निवेशक सही समय पर एक सेक्टर से दूसरे में शिफ्ट होते हैं ताकि ज्यादा रिटर्न कमा सकें।

उदाहरण:

  • Recovery (रिकवरी) – बैंकिंग, ऑटोमोबाइल सेक्टर अच्छा प्रदर्शन करते हैं।
  • Expansion (विस्तार) – टेक्नोलॉजी, कैपिटल गुड्स सेक्टर में उछाल आता है।
  • Slowdown (मंदी की शुरुआत) – FMCG, हेल्थकेयर सेक्टर सुरक्षित माने जाते हैं।
  • Recession (मंदी) – गोल्ड, सरकारी बॉन्ड, डिफेंसिव सेक्टर में निवेश बढ़ता है।

बड़े खिलाड़ी हमेशा लिक्विडिटी ढूंढते हैं –  मार्केट तब तक नहीं हिलेगा जब तक वहां ज्यादा **बायर्स और सेलर्स** ना हों। 👉 इसलिए, मार्केट ज्यादातर वही चलता है जहां पब्लिक की भारी मात्रा में एंट्री होती है – फिर अचानक उल्टा मूव कर देता है।


मार्केट मेकर्स हमेशा एडवांटेज में रहते हैं – उन्हें पता होता है कि रिटेल ट्रaders कहाँ बाय-सेल कर रहे हैं।  उनके पास डेटा होता है कि कितने लोग कहाँ स्टॉप लॉस लगाए बैठे हैं।


The Real Game of Trading – Psychology and Risk Management

ट्रेडिंग का असली खेल – मनोविज्ञान (Psychology) और रिस्क मैनेजमेंट

  •  केवल Entry & Exit जानने से प्रॉफिटेबल नहीं बनोगे, आपको अपने इमोशन्स को कंट्रोल करना पड़ेगा।
  • FOMO, लालच और डर – ये तीन चीजें सबसे ज्यादा नुकसान कराती हैं।
  •  सही ट्रेडिंग सिस्टम के साथ रिस्क मैनेजमेंट और डिसिप्लिन बहुत जरूरी हैं।

शेयर मार्केट में सफलता के लिए ज्ञान, धैर्य, और अनुशासन की आवश्यकता होती है। आम लोगों को इन छुपे हुए पहलुओं को समझकर ही निवेश करना चाहिए।

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