क्या आप जानते हैं कि API की बढ़ती कीमतों और कमी के कारण  2025 में Pharma Sector में भारी गिरावट आई है? चलिए समझते हैं कैसे।

API क्या होता है? API यानी Active Pharmaceutical Ingredient, वह घटक होता है जो दवा को असरदार बनाता है। बिना API, दवा सिर्फ एक बाहरी पदार्थ है।

भारत की चीन पर निर्भरता भारत करीब 60–70% API चीन से इंपोर्ट करता है। चीन में सप्लाई चेन संकट आया तो भारत की फार्मा इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित हुई।

API की कीमतों में तेजी चीन में उत्पादन लागत बढ़ने और एक्सपोर्ट पॉलिसी बदलने से API की कीमतें आसमान छू रही हैं। इससे दवाएं बनाना महंगा हो गया।

मुनाफे में गिरावट API महंगे होने से फार्मा कंपनियों का प्रॉफिट मार्जिन घटा। इसका सीधा असर फार्मा स्टॉक्स पर पड़ा और निवेशकों ने बिकवाली शुरू की।

प्रोडक्शन में रुकावट API की कमी के कारण दवा कंपनियों को प्रोडक्शन कम करना पड़ा। इससे सेल्स और रेवेन्यू पर भी बुरा असर देखने को मिला।

शेयर बाजार की प्रतिक्रिया Nifty Pharma Index में बड़ी गिरावट दर्ज की गई क्योंकि निवेशकों को लगा कि फार्मा सेक्टर की ग्रोथ रुक सकती है।

निवेशकों के लिए सुचना API संकट लंबा चला तो फार्मा सेक्टर में और गिरावट संभव है। निवेशकों को सतर्क रहकर क्वालिटी स्टॉक्स में ही निवेश करना चाहिए।

Nifty Pharma Index Analysis 2025 | अमेरिकी टैरिफ और दवा कीमतों का असर