कमज़ोर Dollar के फायदे
भारत की अर्थव्यवस्था को कैसे मिलता है लाभ?
सस्ते इम्पोर्ट्स
कमजोर USD से कच्चा तेल, इलेक्ट्रॉनिक्स, गोल्ड जैसी वस्तुएं कम कीमत में उपलब्ध होती हैं।
- रुपये की मजबूती -
मजबूत INR से इम्पोर्ट बिल घटता है, जिससे महंगाई नियंत्रित रहती है और बचत बढ़ती है।
- स्टॉक मार्केट बूम -
ग्लोबल निवेशक भारतीय बाजार में अधिक पैसा लगाते हैं, जिससे लिक्विडिटी और ग्रोथ बढ़ती है।
- किफायती विदेशी लोन -
डॉलर में लिया गया कर्ज सस्ता हो जाता है, जिससे सरकार का वित्तीय बोझ कम होता है।
- बढ़ती घरेलू मांग -
सस्ते इम्पोर्ट से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा मिलता है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ते हैं।
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व्यापार घाटा कम होता है, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत होता है और आर्थिक स्थिरता बढ़ती है।
- महंगाई पर नियंत्रण -
इम्पोर्टेड वस्तुएं सस्ती होने से रोजमर्रा की चीजों के दाम नियंत्रित रहते हैं और बचत बढ़ती है।
- एफडीआई आकर्षण -
मजबूत INR और स्थिरता के कारण विदेशी निवेश बढ़ता है, जिससे नई परियोजनाएं विकसित होती हैं।
- टेक्नोलॉजी एक्सपैंशन -
सस्ते आयात से नई तकनीकों की उपलब्धता बढ़ती है, जिससे औद्योगिक विकास तेज होता है।
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