Promoter Holding – प्रमोटर की होल्डिंग 50% से ज्यादा हो और Pledged Shares कम हो।
Net Profit & Revenue Growth – पिछले 5 सालों में नेट प्रॉफिट और रेवेन्यू ग्रोथ स्टेबल और बढ़ती हुई हो।
Return on Equity (ROE) & Return on Capital Employed (ROCE) – 15% से ऊपर हो तो मजबूत स्टॉक माना जाता है।
Bullish Trend on Chart – स्टॉक का लॉन्ग-टर्म अपट्रेंड में होना जरूरी है, डाउनट्रेंड में निवेश रिस्की हो सकता है।
Stock Near Support or Demand Zone – सपोर्ट या डिमांड ज़ोन के पास हो तो खरीदारी के लिए अच्छा मौका मिल सकता है।
FII & DII Holding – अगर FII (Foreign Institutional Investors) और DII (Domestic Institutional Investors) की होल्डिंग बढ़ रही है, तो स्टॉक मजबूत हो सकता है।
Earnings Per Share (EPS) Growth – EPS लगातार बढ़ रहा हो, जिससे कंपनी की कमाई बढ़ने का संकेत मिले।
Sector & Market Sentiment – जिस सेक्टर में कंपनी है, वह ग्रोथ स्टेज में हो और मार्केट सेंटिमेंट पॉजिटिव हो।