भारतीय शेयर बाजार में कंपनियों को उनके व्यापार मॉडल और उद्योग के आधार पर अलग-अलग सेक्टर में बांटा जाता है। ये सेक्टर अलग-अलग  परिस्थितियों में अलग तरह का प्रदर्शन करते हैं।

साइकलिकल सेक्टर - (Cyclical Sectors)

ये सेक्टर अर्थव्यवस्था के हिसाब से चलते है जब अर्थव्यवस्था अच्छी होती है और तेजी से बढ़ती है, लेकिन जब अर्थव्यवस्था मंदी में होती है, तो ये सेक्टर कमजोर हो जाते हैं।

डिफेंसिव सेक्टर  (Defensive Sectors)  –  ये सेक्टर मंदी के दौरान भी अच्छा प्रदर्शन करते हैं क्योंकि इनकी मांग कम नहीं होती।

ग्रोथ सेक्टर  (Growth Sectors)    ये सेक्टर तेजी से बढ़ने वाले हैं, क्योंकि टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के कारण इनकी मांग बढ़ती जा रही है।

इंफ्रास्ट्रक्चर और कैपिटल गुड्स सेक्टर  (Infrastructure & Capital Goods)   ये सेक्टर लंबे समय में ग्रोथ दिखाते हैं और सरकार की योजनाओं से प्रभावित होते हैं।

फाइनेंशियल सेक्टर   (Financial Sector)    ये सेक्टर अर्थव्यवस्था की रीढ़ होते हैं और आर्थिक ग्रोथ के साथ इनका प्रदर्शन सुधरता है।