अमेरिकी टैरिफ की घोषणा अमेरिका ने भारतीय दवाओं पर टैरिफ बढ़ाने की बात कही, जिससे फार्मा कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ा और स्टॉक्स में भारी गिरावट आई।
आवश्यक दवाओं की कीमतों में वृद्धि भारत सरकार ने 400 जरूरी दवाओं की कीमतें बढ़ाने की अनुमति दी। इससे दवाओं की बिक्री प्रभावित हुई और कंपनियों की रणनीति बदल गई।
रुपये की गिरावट डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट से आयात महंगा हो गया, जिससे फार्मा कंपनियों की लागत बढ़ी और प्रॉफिट मार्जिन पर असर पड़ा।
कच्चे माल की लागत बढ़ी API यानी दवाओं में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, जिससे उत्पादन लागत बढ़ रही है और लाभ घट रहा है।
चीन से सप्लाई चेन संकट चीन से कच्चे माल की सप्लाई में रुकावट आई है, जिससे फार्मा कंपनियों का प्रोडक्शन प्रभावित हुआ और डिलीवरी में देरी होने लगी।
सरकारी नियमों में बदलाव नई दवा नीतियों और सख्त सरकारी नियमों के कारण फार्मा सेक्टर पर दबाव बढ़ गया है, जिससे निवेशकों का रुझान घट गया है।
ग्लोबल डिमांड में कमी दवाओं की अंतरराष्ट्रीय मांग घटने से भारत का एक्सपोर्ट कम हुआ है। इससे कंपनियों की ग्रोथ धीमी हुई और मार्केट पर असर पड़ा।
निवेशकों का भरोसा कमजोर लगातार नकारात्मक खबरों के चलते निवेशकों का भरोसा Pharma Sector से हिल गया है, जिससे इंडेक्स में भारी बिकवाली देखने को मिली।
निष्कर्ष और सलाह फार्मा सेक्टर की मौजूदा गिरावट अल्पकालिक हो सकती है। लॉन्ग टर्म निवेशकों को मजबूत कंपनियों में SIP के ज़रिए निवेश जारी रखना चाहिए।