खुद को साबित करने की नहीं, बल्कि सुधारने की ज़रूरत है – यही एक सफल ट्रेडर का असली माइंडसेट होता है।
दूसरों को इम्प्रेस करने की बजाय खुद को बेहतर बनाओ – ये सोच ही ट्रेडिंग में लम्बी सफलता दिलाती है।
प्रूव करने की सोच से आप गलत ट्रेड जस्टिफाई करते हैं और लॉस से डरकर इमोशन से निर्णय लेते हैं।
इंप्रूव करने वाला ट्रेडर हर ट्रेड से सीखता है, लॉजिक से सोचता है और जर्नलिंग की आदत रखता है।
ट्रेंड, सेटअप, स्ट्रैटेजी सब जरूरी हैं – लेकिन सबसे जरूरी है माइंडसेट और प्रोसेस पर फोकस रखना।
हर सुबह 15 मिनट ट्रेडिंग जर्नल पढ़ें, ध्यान करें और दिन का टारगेट नियम के साथ तय करें।
ट्रेड के बाद खुद से तीन सवाल पूछें – क्या यह प्रोसेस से किया? क्या इमोशन था? अगली बार क्या सुधार?
हर महीने की रिपोर्ट तैयार करें – जीत की दर, औसत मुनाफा, सबसे बड़ी गलती और तीन सीख क्या रहीं।
सोशल मीडिया की झूठी सफलता की छवि आपको गलत तुलना और जल्दबाज़ी के ट्रेड्स में फंसा सकती है।
चुपचाप ग्रोथ को चुनिए अपनी तुलना सिर्फ खुद से करें और हर दिन खुद को थोड़ा बेहतर बनाइए।
लगातार सीखते रहना जरूरी है टेक्निकल हो या इमोशनल डिसिप्लिन, रोज़ कुछ नया सीखना आदत बनाएं।
ट्रेडिंग में जीत पैसा नहीं, बल्कि डिसिप्लिन, धैर्य और लॉजिक से लिया गया हर एक निर्णय तय करता है।
सुधार का मतलब है पहले पूंजी को बचाना, फिर धीरे-धीरे उससे सीखना और सिस्टम को मजबूत बनाना।
हर बार सेटअप बदलने की जगह, अपने एक सिस्टम को रीफाइन करें और उस पर मास्टरी हासिल करें।