ट्रेडिंग इमोशंस क्या होते है?
भय (Fear):
नुकसान का डर ट्रेडर्स को झिझक या सतर्क बना सकता है, जिससे लाभकारी मौके छूट सकते हैं।
लालच (Greed):
अधिक मुनाफे की लालसा ट्रेडर्स को ज्यादा जोखिम लेने या अत्यधिक ट्रेडिंग करने के लिए उकसा सकती है।
अति-आत्मविश्वास (Overconfidence):
लगातार सफलताओं के बाद, कुछ ट्रेडर्स जोखिम प्रबंधन को नज़रअंदाज करके गलत फैसले ले सकते हैं।
अधीरता (Impatience):
जल्दी मुनाफा कमाने की इच्छा ट्रेडर्स को अपनी रणनीति से हटाकर जल्दबाजी में निर्णय लेने पर मजबूर कर सकती है।
पछतावा (Regret):
गलत फैसले या अवसर गंवाने के बाद, ट्रेडर्स अत्यधिक सतर्क हो सकते हैं और जोखिम से बच सकते हैं।
आशा (Hope):
नुकसान में फंसे ट्रेड्स को सुधार की उम्मीद में बनाए रखना, जिससे और बड़ा नुकसान हो सकता है।
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हताशा (Desperation):
नुकसान की भरपाई के लिए जल्दबाजी में फैसले लेना, जो और ज्यादा नुकसान का कारण बन सकता है।
गुस्सा (Anger) और निराशा (Disappointment) वे भावनाएँ हैं जो तब उत्पन्न होती हैं जब कोई ट्रेडर बार-बार गलत फैसले लेता है
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