ट्रेडिंग जर्नल कोनसी जानकारी होनी चाहिए 

ट्रेड का टाइप – ट्रेडिंग कैटेगरी बताएं: इंट्राडे, स्विंग, पोजिशनल, ऑप्शंस, फ्यूचर्स या लॉन्ग टर्म निवेश में से कौन सा था।

स्टॉपलॉस और टारगेट –  ट्रेड में जोखिम और संभावित लाभ को निर्धारित करने के लिए स्टॉपलॉस और टारगेट लिखना जरूरी होता है।

ट्रेडिंग सेटअप   कौन सी रणनीति उपयोग की गई, जैसे प्राइस एक्शन, मूविंग एवरेज, ब्रेकआउट या सपोर्ट-रेसिस्टेंस।

भावनाएँ  ट्रेडिंग के दौरान अनुभव की गई भावनाएँ, जैसे डर, लालच, आत्मविश्वास या घबराहट को नोट करें।

गलतियाँ और सुधार   यदि ट्रेड में कोई गलती हुई तो उसे पहचानें और सुधार के सुझाव अपने जर्नल में शामिल करें।

प्रॉफिट या लॉस का विश्लेषण   इस ट्रेड से कितना लाभ या हानि हुई, इसे विस्तार से दर्ज करें और कारण समझें।

ट्रेडिंग टाइमिंग   ट्रेड कब लिया और कब एग्जिट किया, यह महत्वपूर्ण होता है क्योंकि मार्केट मूवमेंट इसपर निर्भर करता है।

ट्रेडिंग निर्णयों की समीक्षा –  क्या यह ट्रेड सही था या नहीं, और आगे इसे कैसे बेहतर बना सकते हैं, इसका विश्लेषण करें।

समाचार  और इवेंट्स – यदि किसी न्यूज़ या आर्थिक रिपोर्ट के कारण ट्रेड लिया गया, तो उसे अपने नोट्स में जोड़ें।

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