अमेरिका में 10% यूनिवर्सल टैरिफ लागू – सभी आयातित वस्तुओं पर 10% अतिरिक्त टैक्स लगेगा, जिससे वस्तुएं महंगी होंगी और घरेलू उत्पादकों को बढ़ावा मिलेगा।
चीन पर बड़ा वार – अमेरिका ने चीन से आयातित वस्तुओं पर 54% तक टैरिफ बढ़ाया, जिससे US-China Trade War 2.0 शुरू होने की संभावना बढ़ गई।
यूरोप और जापान नाराज – यूरोपीय संघ और जापान ने जवाबी टैरिफ लगाने की चेतावनी दी, जिससे वैश्विक व्यापार असंतुलन और आर्थिक संकट बढ़ सकता है।
अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट – Dow Jones 2000+ अंक गिरा, जिससे निवेशकों में घबराहट फैली और बाजार में अस्थिरता बढ़ गई, जिससे अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
महंगाई बढ़ने का खतरा – टैरिफ के कारण उत्पाद महंगे होंगे, जिससे रोजमर्रा की वस्तुएं महंगी हो सकती हैं और उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ सकता है।
ऑटोमोबाइल और टेक इंडस्ट्री पर असर – Volkswagen, Apple, Samsung जैसी कंपनियों को सप्लाई चेन समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, जिससे उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं।
वैश्विक मंदी की आशंका – व्यापार युद्ध से वैश्विक व्यापार धीमा होगा, जिससे 2025 में Recession (मंदी) की संभावना बढ़ सकती है और नौकरियां प्रभावित हो सकती हैं।
अमेरिका में नौकरियों पर असर – घरेलू उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन छोटे व्यापारियों को मुश्किलें होंगी, जिससे कुछ सेक्टर्स में नौकरी संकट पैदा हो सकता है।
2024 चुनाव से जुड़ा फैसला? – यह टैरिफ ट्रम्प के राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा हो सकता है, जिससे वे आगामी चुनावों में मतदाताओं का समर्थन हासिल कर सकें।