Introduction of ONDC
NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) ONDC में 10 करोड़ रुपये का निवेश करेगा और संभवतः 9 % हिस्सेदारी खरीदेगा।
ONDC की स्थापना 31 दिसंबर 2021 को हुई है , यह डिजिटल कॉमर्स ( Digital Commerce) को लोकतांत्रिक बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है , भारत में ई-कॉमर्स (e-commerce) उद्योग ने हाल के वर्षों में जबरदस्त वृद्धि की है। आज, उपभोक्ता घर बैठे किराने का सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स, परिधान, और अन्य उत्पाद ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं। हालांकि, यह बाजार कुछ गिनी-चुनी कंपनियों जैसे कि अमेज़न और फ्लिपकार्ट के नियंत्रण में रहा है, जिससे छोटे और मध्यम उद्यमों (SME) के लिए प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो जाता है।
इस चुनौती का समाधान लाने के लिए ONDC (Open Network for Digital Commerce) को विकसित किया गया है। यह भारत सरकार द्वारा समर्थित एक पहल है, जिसका उद्देश्य डिजिटल कॉमर्स को लोकतांत्रिक ( democratic ) बनाना और छोटे व्यापारियों को सशक्त करना है।
भारत में 1.2 करोड़ से ज्यादा विक्रेता अपने उत्पादों और सेवाओं को बेचकर अपनी आजीविका कमाते हैं। लेकिन, इनमें से सिर्फ 15,000 (यानी केवल 0.125%) ही ई-कॉमर्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। खासकर छोटे शहरों और गांवों में रहने वाले विक्रेताओं के लिए ऑनलाइन बिक्री अभी भी मुश्किल है।
ONDC का लक्ष्य भारत में ई-कॉमर्स को तेजी से बढ़ाना है। अभी देश में ई-रिटेल की पहुंच सिर्फ 4.3% है, लेकिन ONDC का मिशन है कि हर तरह के छोटे-बड़े विक्रेताओं को ऑनलाइन व्यापार से जोड़ा जाए, ताकि वे भी डिजिटल युग का फायदा उठा सकें।
The purpose of ONDC – ONDC के मुख्य उद्देश्य
स्थानीय व्यापार को बढ़ावा , आज आप कुछ भी ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं – रोटी से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक। भारत में ई-कॉमर्स बाजार ने हाल के वर्षों में जबरदस्त वृद्धि की है। ONDC भारत में UPI की सफलता को दोहराने की क्षमता रखता है। ,लेकिन, वर्तमान में कुछ बड़ी कंपनियाँ इस क्षेत्र में एकाधिकार बनाए हुए हैं। ONDC (ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स) इसी एकाधिकार को समाप्त करने और छोटे व्यापारियों को बढ़ावा देने के लिए आया है।
- ई-कॉमर्स को तेजी से बढ़ावा देना:
ONDC ई-कॉमर्स को और अधिक सुलभ और सरल बनाएगा, जिससे देशभर में इसका तेजी से विस्तार होगा। ONDC में मध्यस्थों की भूमिका कम होती है, जिससे लेनदेन शुल्क घटता है। - स्टार्टअप्स को मजबूत करना:
यह पहल स्टार्टअप्स को स्केलेबल और किफायती ई-कॉमर्स सुविधाएं प्रदान करेगी, जिससे उन्हें सहयोगात्मक रूप से बढ़ने में मदद मिलेगी। - छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाना:
ONDC छोटे व्यापारियों और स्थानीय विक्रेताओं को बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ प्रतिस्पर्धा करने का मौका देगा।छोटे व्यवसायों को भारी कमीशन नहीं देना पड़ेगा, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा। - खुला और निष्पक्ष मंच:
यह एक ओपन प्रोटोकॉल पर आधारित है, जिसका मतलब है कि यह सभी के लिए खुला और निष्पक्ष होगा। इसमें किसी एक कंपनी का वर्चस्व नहीं होगा।
ONDC से जुड़ने के आसान चरण
1. पोर्टल पर साइन अप करें और आवश्यक संसाधनों का उपयोग करें।
2. वेबिनार में भाग लें और नेटवर्क को समझें।
3. अपनी भूमिका तय करें (खरीदार, विक्रेता, सेवा प्रदाता आदि)।
4. प्लेटफॉर्म के साथ इंटीग्रेशन पूरा करें।
5. सभी शर्तें पूरी करने के बाद ONDC नेटवर्क पर लाइव हो जाएं।
- Sign-Up Start selling on the ONDC Network –
- If you have any query contact us at portal-support@ondc.org
- How ONDC works watch video
भारत ने यह क्रांति क्यों शुरू की है? 🇮🇳
भारत ने जनसंख्या स्तर पर डिजिटल बुनियादी ढांचे को सफलतापूर्वक अपनाने में विश्व नेतृत्व किया है, जैसे कि:
- UPI, AADHAAR और अन्य तकनीकी नवाचार।
- ONDC (Open Network for Digital Commerce) भी एक ऐसा ही तकनीकी पहल है जो देश में ई-कॉमर्स के काम करने के तरीके को बदलने के लिए शुरू किया गया है।
ONDC के लाभ:
✅ ई-कॉमर्स को एक खुली प्रोटोकॉल प्रणाली के माध्यम से सक्षम बनाना।
✅ ओपन-सोर्स स्पेसिफिकेशन पर आधारित डिजिटल व्यापार को बढ़ावा देना।
✅ स्टार्टअप्स की वृद्धि को मजबूत और तेज़ बनाना।
✅ सभी उद्यमों के लिए ई-कॉमर्स को अधिक सुलभ और किफायती बनाना।
✅ स्टार्टअप्स को सहयोगात्मक रूप से बढ़ने के लिए सशक्त बनाना।
यह पहल न केवल डिजिटल व्यापार को गति देगी, बल्कि भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
संक्षेप में, ONDC के भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों, जिसमें स्टॉक मार्केट भी शामिल है, पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने की क्षमता है। निवेशकों को ONDC से संबंधित विकास पर नजर रखनी चाहिए और इसके संभावित अवसरों और जोखिमों पर विचार करना चाहिए।
निष्कर्ष
- ONDC डिजिटल कॉमर्स में क्रांति लाने की दिशा में एक साहसिक कदम है।
- यह भारत में UPI की सफलता को दोहराने की क्षमता रखता है।
- यदि छोटे व्यापारियों को प्रशिक्षित किया जाए और चुनौतियों का समाधान किया जाए, तो यह पूरे ई-कॉमर्स उद्योग को बदल सकता है।
- व्यापारी, खरीदार, या तकनीकी सेवा प्रदाता हर कोई इस परिवर्तन का हिस्सा बन सकता है और अपने विकास को नई ऊँचाइयों पर ले जा सकता है।
- Source – https://ondc.org/