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Dollar weakness is a challenge for the Indian IT sector in Hindi ?

Company

Weightage (%)

Tata Consultancy Services Ltd (TCS)

41.09

Infosys Ltd

 21.64

HCL Technologies Ltd

13.24

Wipro Ltd

8.19

LTIMindtree Ltd

4.62

Tech Mahindra Ltd

4.38

Persistent Systems Ltd

2.52

Coforge Ltd

1.53

Mphasis Ltd

1.41

L&T Technology Services Ltd

1.37

| डॉलर की कमजोरी और बढ़ती महंगाई IT सेक्टर में गिरावट ला सकती है?

चुनौतियां: IT sector challenges 

संभावनाएं: IT sector possibilities

 

Why is the dollar weakening in 2025 ?

  1. डॉलर जापानी येन के मुकाबले 0.93% गिरकर 156.49 येन पर आ गया है।
  2. महंगाई तेजी से बढ़ रही है, जिससे फेडरल रिजर्व ब्याज दरें घटा सकता है।
  3. इस कारण डॉलर की कमजोरी बढ़ी है, जिसका असर भारतीय आईटी सेक्टर पर भी पड़ रहा है।
  4. भारतीय आईटी सेक्टर की कमाई का बड़ा हिस्सा अमेरिका से आता है, जहां भुगतान डॉलर में होता है। डॉलर कमजोर होने से आईटी सेक्टर को कई तरह से नुकसान और कुछ फायदे हो सकते हैं। आइए इसे सरल भाषा में समझते हैं।

 

डॉलर की कमजोरी भारतीय आईटी सेक्टर के लिए एक चुनौती

 

1. कमाई पर असर (Revenue Impact):

2. सौदे बदलने का दबाव

अमेरिकी ग्राहक डॉलर की कमजोरी का फायदा उठाने के लिए आईटी कंपनियों पर कीमतें कम करने का दबाव डाल सकते हैं। इससे कंपनियों को अपने पुराने अनुबंध (contracts) फिर से बदलने पड़ सकते हैं।

3. खर्च बढ़ सकता है

महंगाई बढ़ने और डॉलर की कमजोरी के कारण कंपनियों की ऑपरेटिंग लागत (जैसे कर्मचारी वेतन और सेवाओं का खर्च) बढ़ सकती है।

4. निवेश पर असर

डॉलर कमजोर होने से विदेशी निवेशक भारतीय आईटी कंपनियों में निवेश करने से बच सकते हैं। इससे नए प्रोजेक्ट और विस्तार की योजनाओ पर असर पड़ सकता है ।

डॉलर की कमजोरी के कारण अमेरिकी ग्राहकों की क्रय शक्ति (Purchasing Power) पर असर पड़ता है।

5. अन्य फायदों की संभावना

6. मुद्रा हेजिंग की भूमिका (Currency Hedging):


सरल निष्कर्ष

डॉलर की कमजोरी भारतीय आईटी सेक्टर के लिए एक चुनौती और अवसर दोनों है।

  • नुकसान: कमाई में गिरावट, ज्यादा खर्च, और प्रतिस्पर्धा में कमी।
  • फायदे: तकनीक खरीदना सस्ता हो सकता है और अन्य मुद्राओं से लाभ हो सकता है।

भारतीय आईटी कंपनियों को अपने पैसे को सुरक्षित रखने के लिए सही रणनीति बनानी होगी, जैसे:

  • अनुबंधों में हेजिंग (Hedging) करना।
  • नए बाजारों में काम शुरू करना।
  • लागत कम करने पर ध्यान देना।

 

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