ऑप्शन ट्रेडिंग में दो प्रकार आते है ,ऑप्शन बाइंग और ऑप्शन सेलिंग ,आप कोनसे प्रकार की ट्रेडिंग करते है उसपर निर्भर करता है की आप ,वीकली ऑप्शन में ट्रेड करे या मंथली ऑप्शन में।
वीकली ऑप्शन ट्रेडिंग करें या मंथली ऑप्शन ट्रेडिंग ? बहुत से ट्रेडर्स इस बात को लेकर भ्रमित रहते हैं। इस ब्लॉग में हम जानेंगे दोनों ऑप्शन्स के फायदे और नुकसान, खासकर ऑप्शन खरीदने और बेचने वालों के नजरिए से।
ऑप्शन बायर्स के लिए मंथली ऑप्शन ट्रेडिंग क्यों बेहतर है?
Why Option Buyers Should Choose Monthly Expiry Options
🔸 1. स्लो टाइम डिके – प्रीमियम धीरे-धीरे घटता है
मंथली ऑप्शन ट्रेडिंग में टाइम वैल्यू धीरे घटती है। इसका मतलब है कि ऑप्शन बायर को अपने ट्रेड को चलने देने का अधिक समय मिलता है।
🔸2. वीकली ऑप्शन में कन्फ्यूजन
वीकली ऑप्शन ट्रेडिंग में एक्सपायरी के एक दिन पहले और एक्सपायरी डे पर प्रीमियम कभी-कभी अंडरलाइंग के अनुरूप नहीं चलता। इससे बायर्स भ्रमित हो जाते हैं।
🔸3. ट्रेंडिंग मार्केट और इवेंट्स पर वीकली ऑप्शन बेहतर
अगर मार्केट ट्रेंड में हो या कोई इवेंट (जैसे बजट, रिजल्ट, RBI पॉलिसी) आ रहा हो – तो वीकली ऑप्शन ट्रेडिंग फायदेमंद होती है क्योंकि:
- प्रीमियम कम होता है
- रिस्क कम होता है
- रिवॉर्ड ज्यादा हो सकता है
🔸4. वीकली ऑप्शन एक्सपायरी डे (गुरुवार) को ट्रेड न करें
गुरुवार को बहुत सारे ट्रेडर्स ऑप्शन एक्सपायर होने के पहले सस्ते ऑप्शन खरीदते हैं, जिससे ट्रेडिंग एक जुए जैसी बन जाती है। अगर इंडेक्स या स्टॉक साइड वेज़ हो जाता है , तो कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन दोनों के प्रीमियम कम होने लगते है और ऑप्शन बायर के लिए यह कंडीशन में प्रॉफिट निकलना पॉसिबल नहीं होता
🔸5. मंथली ऑप्शन में रिस्क मैनेजमेंट आसान
चूंकि मंथली ऑप्शन में प्रीमियम ज्यादा होता है, इसलिए आप बेहतर पोजिशन साइजिंग कर सकते हैं और एक स्ट्रक्चर्ड रिस्क मैनेजमेंट रख सकते हैं।
ऑप्शन सेलर्स के लिए वीकली ऑप्शन ट्रेडिंग क्यों सही है?
Benefits of Weekly Options Trading for Option Sellers
🔸 1. फास्ट टाइम डिके – जल्दी मुनाफा
वीकली ऑप्शन में एक्सपायरी नजदीक होने के कारन ऑप्शन का टाइम वैल्यू तेजी से घटता है , अगर मार्केट साइड वेज़ होगा फिर भी ऑप्शन का टाइम वैल्यू धिरे धीरे कम ही होता है जो , जिससे सेलर को लिमिटेड रिस्क में फास्ट प्रॉफिट मिलता है।
🔸 2. मंथली ऑप्शन महंगे होते हैं
मंथली ऑप्शन में:
- प्रीमियम ज्यादा होता है
- टाइम वैल्यू ज्यादा होती है
- मार्जिन ज्यादा लगता है
इसलिए, सेलर्स के लिए वीकली ऑप्शन ट्रेडिंग ज्यादा व्यावहारिक और प्रोफिटेबल होती है।
🔸 3. वीकली एक्सपायरी डे पर ट्रेडिंग से बचें
गुरुवार को ऑप्शन में स्पाइक्स आ सकते हैं जिससे भारी नुकसान हो सकता है। बेहतर है कि पोजिशन एक्सपायरी से एक दिन पहले क्लोज करें।
स्कैल्पर्स के लिए वीकली ऑप्शन ट्रेडिंग क्यों फायदेमंद है?
Why Weekly Options Are Best for Scalpers?
Weekly Options का सही उपयोग स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में करने से शानदार मुनाफा कमाया जा सकता है। खासकर उन स्कैल्पर्स के लिए जो 1 से 3 मिनट के अंदर ट्रेंड पकड़ते हैं, उनके लिए वीकली ऑप्शन एक बेहतरीन टूल है।
कारण:
-
✅ अधिक वोलैटिलिटी – वीकली ऑप्शंस में तेजी से प्राइस मूवमेंट देखने को मिलती है, जो स्कैल्पर्स के लिए फायदेमंद होती है।
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✅ तेज मूवमेंट – स्कैल्पिंग में समय नहीं बल्कि प्राइस मूवमेंट मायने रखता है, और वीकली ऑप्शंस में यह खूब मिलता है।
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✅ कम प्रीमियम, ज्यादा रिटर्न – वीकली ऑप्शन कम समय में कम प्रीमियम पर खरीदे जा सकते हैं, जिससे स्कैल्पिंग करते समय जोखिम भी सीमित रहता है और रिटर्न बेहतर हो सकता है।
स्कैल्पर्स को सिर्फ मूवमेंट चाहिए होता है – और वीकली ऑप्शन वही देता है, वो भी कम समय में तेज़ प्रॉफिट के मौके के साथ।
वीकली ऑप्शन और मंथली ऑप्शन ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान?
Benefits and Risks of Weekly and Monthly Options trading
✅ वीकली ऑप्शन ट्रेडिंग के फायदे:
- Quick Profits (तेज़ मुनाफा): कम समय में प्रॉफिट कमाने का मौका मिलता है।
- Low Premium (कम प्रीमियम): कम कैपिटल से ट्रेडिंग की शुरुआत की जा सकती है।
- More Opportunities (अधिक मौके): हर हफ्ते नया ट्रेडिंग सेटअप मिलता है।
❌ वीकली ऑप्शन ट्रेडिंग के नुकसान:
- Rapid Time Decay (तेज़ टाइम डिके): प्रीमियम तेजी से गिरता है, खासकर Expiry के नज़दीक।
- High Risk (उच्च जोखिम): शॉर्ट होल्डिंग पीरियड होने से रिस्क ज्यादा होता है।
- Small Price Movements Impact (छोटी मूवमेंट का बड़ा असर): छोटा मूवमेंट भी लॉस ला सकता है।
✅ मंथली ऑप्शन ट्रेडिंग के फायदे:
- Stable Trading (स्थिर ट्रेडिंग): समय मिलता है प्लान और एडजस्टमेंट करने के लिए।
- Lower Risk (कम जोखिम): ग्रीक्स धीरे-धीरे बदलते हैं, जिससे रिस्क मैनेज करना आसान होता है।
- Better Strategy Management (बेहतर रणनीति प्रबंधन): पोजिशन एडजस्ट करने का समय मिलता है।
❌ मंथली ऑप्शन ट्रेडिंग के नुकसान:
- Higher Premium (उच्च प्रीमियम): शुरुआत में कैपिटल ज़्यादा लगता है।
- Slow Returns (धीमा रिटर्न): रिटर्न मिलने में समय लगता है।
- Limited Entries (सीमित एंट्री): महीने में एक बार ही प्रमुख एंट्री मिलती है।
यहाँ पर Weekly Options Trading से जुड़े आपके सभी सवालों पर आधारित एक SEO-Friendly Hindi FAQ सेक्शन तैयार किया गया है। इसे आप अपने ब्लॉग या वेबसाइट पर उपयोग कर सकते हैं:
Options Trading: सबसे ज़्यादा पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. Weekly Options के लिए सबसे अच्छा टाइमफ्रेम कौन-सा है?
Weekly Options के लिए 15 मिनट का टाइमफ्रेम मार्केट ट्रेंड एनालिसिस के लिए कर सकते है और लाइव ट्रेडिंग में 5 मिनट का टाइम फ्रेम पर ट्रेड ले सकते है , ज्यादातर अगर मार्केट ट्रेंड में हो उसी समय यह फायदेमंद है – लेकिन इसमें रिस्क ज़्यादा होता है।
3. ऑप्शन बेचने के लिए सबसे अच्छा दिन कौन-सा है?
Option Selling के लिए सबसे अच्छा दिन Tuesday या Wednesday माना जाता है। क्योंकि उस समय से Theta Decay तेज़ी से बढ़ता है और Premium तेजी से घटने लगता है।
4. Weekly Options ट्रेडिंग की बेस्ट रणनीति कौन-सी है?
Intraday Weekly Options Strategy के लिए कुछ Low Risk और Tested Strategies नीचे दी गई हैं:
🔸 Iron Condor Strategy – Low Volatility में काम आती है
🔸 Credit Spread Strategy – Limited Loss और Defined Profit
🔸 Straddle/Strangle Sell (Near Expiry) – जब प्राइस साइडवेज़ हो
🔸 Option Buying (Momentum Based) – जब मार्केट ट्रेंडिंग हो
5. ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए कौन सा इंडेक्स सबसे बेहतर है?
- Nifty 50 – ज़्यादा लिक्विडिटी, कम प्रीमियम, ऑप्शन सेलिंग ,स्कैल्पिंग ट्रेडिंग के लिए उपयोगी (Weekly Expiry )
- Bank Nifty – ज़्यादा Volatility, ऑप्शन बायर के लिए उपयोगी ( Monthly Expiry )
- SENSEX – सबसे ज़्यादा Volatility जो मंगलवार को एक्सपायर होते हैं, Experienced Traders के लिए बेहतर। ( Weekly Expiry )
6. What is the difference between Monthly and Weekly Expiry?
- Monthly Options: हर महीने के आखिरी गुरुवार को एक्सपायर होते हैं।
- Weekly Options: हर हफ्ते गुरुवार को एक्सपायर होते हैं।
7. Monthly Options में Theta Decay कब तेज़ होता है?
Monthly Options में Theta Decay शुरू में धीमा होता है लेकिन Last 10 Days में काफी तेज हो जाता है।
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